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क्या आपको नई पे-स्लिप और नया रोस्टर मिलेगा? जानिए नए लेबर कोड का कर्मचारियों के लिए मतलब

21 नवंबर 2025 से लागू नए लेबर कोड सैलरी स्ट्रक्चर और वर्किंग आवर्स दोनों बदलते हैं। अब बेसिक पे 50% होगा, फिक्स्ड-टर्म कर्मचारियों को जल्दी ग्रेच्युटी मिलेगी, फोर-डे वीक मुमकिन होगा और ओवरटाइम के नियम राज्य तय करेंगे। जानिए आपकी सैलरी स्ट्रक्चर और रोस्टर पर क्या असर होगा।

Edited By: Suneel Kumarअपडेटेड Nov 23, 2025 पर 9:35 PM
क्या आपको नई पे-स्लिप और नया रोस्टर मिलेगा? जानिए नए लेबर कोड का कर्मचारियों के लिए मतलब
अब हर कर्मचारी मिनिमम वेज प्रोटेक्शन में आएगा, सिर्फ उन इंडस्ट्रीज में नहीं जो 'शेड्यूल्ड' कहलाती थीं।

भारत के चार लेबर कोड 21 नवंबर 2025 से लागू हो गए। इनसे 29 पुराने कानून खत्म होकर अब वेतन, इंडस्ट्रियल रिलेशंस, सोशल सिक्योरिटी और वर्कप्लेस सेफ्टी एक ही फ्रेमवर्क में आ गए हैं।

कर्मचारियों के लिए सबसे बड़े बदलाव दो जगह दिखेंगे- सैलरी कैसे बनेगी, और काम के घंटे कैसे तय होंगे। आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं।

सैलरी में बड़े बदलाव

कोड ऑन वेजेज पहली बार वेज यानी वेतन की एक जैसी परिभाषा लाता है। अब कंपनियां CTC का बड़ा हिस्सा अलाउंसेस में डालकर PF या ग्रेच्युटी जैसी स्टैच्यूटरी पेमेंट्स कम नहीं रख पाएंगी।

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