
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को यूक्रेन पर आरोप लगाया कि वह रूस के साथ युद्ध खत्म करने की अमेरिकी कोशिशों के लिए कोई सहयोग नहीं दिखा रहा है। यह बयान उस समय आया जब अमेरिका, यूक्रेन और यूरोप के प्रतिनिधि स्विट्जरलैंड के जिनेवा में एक ‘शांति योजना’ के ड्राफ्ट पर चर्चा करने के लिए जुटे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने रविवार को यूक्रेन पर फिर से आरोप लगाया कि रूस के साथ जंग में अमेरिका के सपोर्ट के लिए आभार तक नहीं व्यक्त किया।
यूरोप और यूक्रेन पर भड़के ट्रंप
ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में इस युद्ध में इंसानी तबाही पर निराशा जाहिर की और रूस से तेल खरीदना जारी रखने के लिए यूरोप की भी आलोचना की। ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा,'मुझे एक ऐसा युद्ध विरासत में मिला है जो कभी नहीं होना चाहिए था। एक ऐसा युद्ध जिसमें सभी का नुकसान है खासकर उन लाखों लोगों का जो बेवजह मारे गए।' ट्रंप ने 2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव पर भी दोबारा सवाल उठाते हुए कहा कि यदि उस चुनाव में धांधली नहीं होती तो रूस-यूक्रेन युद्ध की नौबत कभी नहीं आती। उन्होंने दावा किया कि उनके पहले कार्यकाल के दौरान इस मुद्दे पर एक बार भी चर्चा नहीं हुई, व्लादिमीर पुतिन कभी हमला नहीं करते।
ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिका, यूक्रेन को “मुफ्त में मदद देने” की बाइडेन प्रशासन की नीति के बजाय, NATO देशों को भारी मात्रा में हथियार बेच रहा है—जो यूक्रेन को अपने बचाव में मदद करने के लिए है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बाइडेन प्रशासन ने यूक्रेन को सब कुछ फ्री, फ्री, फ्री दे दिया, जिसमें बहुत बड़ी रकम भी शामिल थी।
युद्ध रुकवाने के लिए ट्रंप की पीस प्लान
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस–यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए पीस प्लान पेश किया है। इस प्रस्ताव में यूक्रेन के कुछ इलाकों को रूस को सौंपने और यूक्रेनी सेना को कम करने जैसी शर्तें शामिल हैं। मसौदे में नाटो के विस्तार पर रोक दिखाई देती है, जिसे राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कड़ी आपत्ति के साथ खारिज कर दिया है। ट्रंप के 28-पॉइंट वाले प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, अमेरिका और यूक्रेन के सुरक्षा अधिकारी रविवार को जेनेवा में मिल रहे हैं। इस बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और स्पेशल दूत स्टीव विटकॉप के भी हिस्सा लेने की उम्मीद है। वहीं, इसके पहले यू्क्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने चेतावनी दी थी कि देश इतिहास के सबसे मुश्किल समय में से एक का सामना कर रहा है।
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