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Rajnath Singh: 'सिंध फिर से भारत में शामिल हो सकता है'; राजनाथ सिंह का बड़ा बयान, बोले- 'बॉर्डर बदल सकते हैं'

Rajnath Singh News: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को बड़ा बयान देते हुए कहा कि आज सिंध भारत का हिस्सा भले ही न हो। लेकिन सभ्यता के हिसाब से सिंध हमेशा भारत का हिस्सा रहेगा। उन्होंने कहा कि जहां तक जमीन की बात है, तो बॉर्डर तो बदल सकते हैं। लेकिन क्या पता कल सिंध फिर से भारत में वापस आ जाए

Akhilesh Nath Tripathiअपडेटेड Nov 23, 2025 पर 9:11 PM
Rajnath Singh: 'सिंध फिर से भारत में शामिल हो सकता है'; राजनाथ सिंह का बड़ा बयान, बोले- 'बॉर्डर बदल सकते हैं'
Rajnath Singh News: राजनाथ सिंह ने कहा कि सिंध भारत की सभ्यता का एक अहम हिस्सा रहा है

Rajnath Singh News: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार (23 नवंबर) को पाकिस्तान के सिंध प्रांत को लेकर ऐसा बयान दिया कि पड़ोसी देश में हलचल मच गया। रक्षा मंत्री ने एक अहम बयान देते हुए कहा कि सिंध इलाका आज भले ही भारत के साथ न हो, लेकिन सभ्यता के रिश्तों के मामले में यह हमेशा भारत का हिस्सा रहेगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि सिंध फिर से भारत में लौट सकता है। बता दें कि सिंध प्रांत सिंधु नदी के पास स्थित है। राजनाथ सिंह ने कहा कि सिंध क्षेत्र सिंधी लोगों का होमलैंड कहा जाता है।

उन्होंने कहा कि सिंध भारत की सभ्यता का एक अहम हिस्सा रहा है। यह सिंधु घाटी सभ्यता का सेंटर भी था। साल 1947 में बंटवारे के साथ यह इलाका पाकिस्तान का हिस्सा बन गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "मेरे भाईयों और बहनों सिंध की भूमि आज भारत का हिस्सा भले ही न हो। लेकिन सभ्यता के हिसाब से सिंध हमेशा भारत का हिस्सा रहेगा। और जहां तक जमीन की बात है, तो बॉर्डर तो बदल सकते हैं। लेकिन क्या पता कल सिंध फिर से भारत में वापस आ जाए...।"

1947 में हुए क्रूर बंटवारे के बाद यह पाकिस्तान में चला गया। जबकि सिंधी समुदाय के लोग भारत आ गए। इसका इंटरनेशनल बॉर्डर गुजरात और राजस्थान राज्यों के साथ लगता है। एक इवेंट में बोलते हुए राजनाथ सिंह ने पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी का जिक्र किया। उन्होंने कहा था कि उनकी पीढ़ी के सिंधी हिंदू सिंध को भारत से अलग करना स्वीकार नहीं कर पाए थे, क्योंकि हिंदू सिंधु नदी को पवित्र मानते थे। उन्होंने आडवाणी का जिक्र करते हुए कहा कि बॉर्डर बदल सकता है। कौन जानता है, कल सिंध फिर से भारत में वापस आ सकता है।

उन्होंने कहा, "सिंध में कई मुसलमान भी मानते थे कि सिंधु नदी का पानी मक्का के आब-ए-जमजम से कम पवित्र नहीं है। यह आडवाणी जी का कोट है। आज, सिंध की जमीन भारत का हिस्सा नहीं हो सकती है, लेकिन सभ्यता के हिसाब से सिंध हमेशा भारत का हिस्सा रहेगा।" सिंह ने अपने स्पीच वाले वीडियो को शेयर करते हुए X लिखा, "सिंधी समाज भारत की सांस्कृतिक पहचान और अस्मिता का प्रतीक है। नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में संबोधन।"

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