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ITR Filing: अगर विदेश में हुई इनकम पर विदेश में टैक्स चुकाया है तो उसका क्रेडिट क्लेम कर सकते हैं, जानिए क्या है प्रोसेस

ITR Filing: कई लोगों की इनकम में फॉरन इनकम शामिल होती है। अगर टैक्सपेयर ने विदेश में हुई इनकम पर विदेश में टैक्स चुकाया है तो वह उस पर टैक्स क्रेडिट क्लेम कर सकता है। इससे एक ही इनकम पर उसे दो बार टैक्स नहीं देना पड़ेगा

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 10, 2024 पर 3:04 PM
ITR Filing: अगर विदेश में हुई इनकम पर विदेश में टैक्स चुकाया है तो उसका क्रेडिट क्लेम कर सकते हैं, जानिए क्या है प्रोसेस
ITR Filing: इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 90 और 91 में एफटीसी के प्रावधान शामिल हैं।

इंडिया में रहने वाले टैक्सपेयर की इनकम में फॉरेन इनकम शामिल हो सकती है। जब टैक्सपेयर को विदेश में इनकम होती है तो उस पर दोनों देशों में टैक्स लगता है। इससे डबल टैक्सेशन यानी एक इनकम पर उसे दो बार टैक्स चुकाना पड़ता है। ऐसा ना हो इसके लिए सरकार ने फॉरेन टैक्स क्रेडिट (एफटीसी) का सिस्टम बनाया है। इससे एक ही इनकम पर टैक्सपेयर को दो बार टैक्स नहीं देना पड़ता है। टैक्सपेयर्स फॉर्म 67 भरकर इसका फायदा उठा सकते हैं।

सेक्शन 90 और 91 में एफटीसी के प्रावधान शामिल हैं

इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 90 और 91 में एफटीसी के प्रावधान शामिल हैं। सेक्शन 90 में एफटीसी का दावा तब किया जा सकता है, जब दूसरे देशों के साथ इंडिया का डबल टैक्स एवायडेंस एग्रीमेंट्स (DTAAs) हो। सेक्शन 91 में तब क्रेडिट क्लेम किया जा सकता है जब दूसरे देश के साथ इंडिया का DTAAs न हो। ऐसे मामलों में विदेश में चुकाए गए टैक्स पर FTC की इजाजत है। इससे टैक्सपेयर्स को एक ही इनकम पर दो बार टैक्स नहीं देना पड़ता है।

FTC क्लेम करने के लिए फॉर्म 67 फाइल करना होगा

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