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बिजनेस से जुड़े ये दो महत्वपूर्ण नियम अप्रैल से लागू हो चुके हैं, जानिए क्या हैं ये नियम

नए नियम में यह कहा गया है कि जो कंपनियां कंप्यूटर सॉफ्टवेयर पर अपने अकाउंट्स मेंटेन करती हैं उन्हें रियल टाइम बेसिस पर अपने अकाउंट्स मेंटेन करना होगा और अब अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर हर ट्रांजेक्शन का रिकॉर्ड रखेगा। इससे छोटी कंपनियों पर कंप्लायंस का बोझ बढ़ जाएगा

Abhishek Anejaअपडेटेड Apr 04, 2023 पर 10:18 AM
बिजनेस से जुड़े ये दो महत्वपूर्ण नियम अप्रैल से लागू हो चुके हैं, जानिए क्या हैं ये नियम
नए नियम से एमएसएमई और एसएमई को फायदा होगा, क्योंकि उनसे गुड्स या सर्विसेज खरीदने वाले एंटरप्राइजेज को 45 दिन के अंदर पेमेंट करने पर ही इनवॉयस को बतौर एक्सपेंस दिखाने की इजाजत मिलेगी।

अप्रैल का महीना शुरू हो चुका है। इसके साथ ही दो ऐसे बड़े बदलाव लागू हो चुके हैं, जिनका असर बिजनेस के तरीके पर पड़ेगा। दरअसल, मैं आपको ऐसे दो बदलाव के बारे में बताना चाहता हूं, जो 1 अप्रैल, 2023 से लागू हो चुके हैं। इनका संबंध ज्यादातर बिजनेस ऑर्गेनाइजेशंस से है। आइए जानते हैं ये बदलाव क्या हैं:

1. कंपनियों के लिए अनिवार्य ऑडिट ट्रेल

मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स (MCA) ने कंपनीज एक्ट 2013 तहत रजिस्टर्ड सभी कंपनियों के लिए एक नया नियम लागू किया है। इसमें कहा गया है कि कंपनियों को सभी ट्रांजेक्शंस का ऑडिट ट्रेल (Edit Log) अपनी बुक्स ऑफ अकाउंट्स में अनिवार्य रूप से मेंटेन (Maintain) करना होगा। इस बदलाव को फाइनेंशियल ईयर 2021 से लागू करने का प्रस्ताव था। लेकिन, इसे पहले 1 अप्रैल, 2022 और फिर 1 अप्रैल 2023 तक टाल दिया गया था। 24 मार्च, 2021 को जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, कंपनीज (ऑडिट एंड ऑडिटर्स) अमेंडमेंट रूल्स, 2021, कंपनियों के वैधानिक ऑडिटर्स को अब ये बताना होगा:

"क्या कंपनी ने बुक्स ऑफ अकाउंट को मेंटेन करने के लिए ऐसे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया है, जिसमें ऑडिट ट्रेल (Edit Log) रिकॉर्डिंग का फीचर है और इसका इस्तेमाल सॉफ्टवेयर में सभी तरह के ट्रांजेक्शंस को रिकॉर्ड करने के लिए पूरे साल किया गया है और ऑडिट ट्रेल फीचर के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की गई है और रिकॉर्ड रिटेंशन की वैधानिक जरूरत के मुताबिक ऑडिट ट्रेल को सुरक्षित रखा गया है।"

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