Get App

Diwali Bonus: दीवाली बोनस के बदले नियम, नए टैक्स सिस्टम में 12 लाख तक की आय पर छूट भी मिलेगी

Diwali 2025: दीवाली बोनस और गिफ्ट पर टैक्स नियम को समझना जरूरी है। अब ₹5000 तक के गिफ्ट पर नहीं लगेगा टैक्स। इसके साथ ही कैश बोनस को सैलरी के साथ जोड़ा जाएगा और नए टैक्स नियमों के अनुसार टैक्स देना होगा।

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 13, 2025 पर 6:20 PM
Diwali Bonus: दीवाली बोनस के बदले नियम, नए टैक्स सिस्टम में 12 लाख तक की आय पर छूट भी मिलेगी

दीवाली के त्योहारी मौसम में लोग सोना, कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक्स और गिफ्ट्स की खरीदारी करते हैं, लेकिन आमतौर पर इन व्यक्तिगत खर्चों पर टैक्स छूट नहीं मिलती। भारत में व्यक्तिगत त्योहारों से जुड़ी खरीदारी जैसे कपड़े, मिठाई, सजावट आदि को व्यक्तिगत खर्च माना जाता है, इसलिए इन पर कोई टैक्स लाभ नहीं मिलता। फिर भी, सरकार द्वारा कुछ गिफ्टिंग आइटम्स पर टैक्स छूट दी जाती है, खासकर जब यह नकद, चेक या ड्राफ्ट के रूप में दिए जाते हैं।

इनकम टैक्स एक्ट की धारा 56 के अनुसार, परिवार के सदस्यों जैसे पति-पत्नी, भाई-बहन, सास-ससुर आदि से प्राप्त उपहारों पर टैक्स नहीं लगता। लेकिन परिवार के बाहर से प्राप्त नकदी या गिफ्ट्स यदि किसी वित्तीय वर्ष में ₹50,000 से अधिक होती हैं, तो उक्त राशि पूरी टैक्सेबल मानी जाती है। यह नियम व्यक्तिगत और हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) दोनों पर लागू होता है।

ध्यान देने वाली बात यह है कि त्योहारों में मिलने वाले गिफ्ट्स की संपूर्ण राशि ₹50,000 से अधिक हुई तो पूरी राशि पर टैक्स देना पड़ सकता है। इसके अलावा, व्यवसाय से जुड़े गिफ्ट्स और उपहारों के लिए अलग टैक्स नियम होते हैं, जहां उचित दस्तावेज और व्यावसायिक उद्देश्य के साथ खर्च को कर लाभ मिल सकता है। इसलिए त्योहार की खरीदारी करते समय अपने खर्चों की योजना बनाना और टैक्स नियमों को समझना महत्वपूर्ण होता है, ताकि त्योहार की खुशियों के साथ वित्तीय सुरक्षा भी बनी रहे।

इस प्रकार, व्यक्तिगत खरीदारी पर तो टैक्स छूट नहीं मिलती, लेकिन परिवार के बाहर से मिलने वाले गिफ्ट्स पर ₹50,000 की सीमा के भीतर रहकर टैक्स बचाने का अवसर मौजूद है। त्योहारों के दौरान गिफ्टिंग को लेकर साफ-साफ नियमों को समझना वित्तीय योजना के लिए फायदेमंद रहता है।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें