Bank Locker Keys: बैंक लॉकर सर्विस ग्राहकों को कीमती सामान और डॉक्यूमेंट को सेफ रखने का बेस्ट तरीका है। लॉकर किराए पर लेने पर बैंक ग्राहक को एक चाबी देता है, जिससे केवल ग्राहक ही लॉकर खोल सकते हैं। लेकिन अगर चाबी खो जाए तो क्या करें? ऐसी स्थिति में ग्राहकों के लिए कुछ आवश्यक कदम और बैंक की पॉलिसी होती हैं।
चाबी खोने पर उठाए जाने वाले कदम
अगर आपकी बैंक लॉकर की चाबी खो जाती है, तो सबसे पहले बैंक को तुरंत सूचित करें। इसके साथ ही पास के पुलिस स्टेशन में जाकर चाबी गुम होने की FIR दर्ज कराएं। यह FIR आपके लॉकर तक दोबारा पहुंचने के प्रोसेस का पहला कदम है।
बैंक आमतौर पर गुम चाबी की स्थिति में डुप्लीकेट चाबी देता है। यदि यह संभव नहीं है, तो बैंक ग्राहक की सहमति से बेसिक लॉकर तोड़ने के प्रोसेस को शुरू करता है। लॉकर के अंदर का सामान एक नए लॉकर में ट्रांसफर कर दिया जाता है और ग्राहक को नई चाबी दी जाती है। इस प्रोसेस यानी लॉकर तोड़ने कॉस्ट और मरम्मत का खर्च ग्राहक को उठाना होता है।
लॉकर तोड़ने के प्रोसेस को ग्राहक और बैंक प्रतिनिधि की मौजूदगी में किया जाती है। यदि लॉकर ज्वाइंट अकाउंट पर है, तो सभी खाताधारकों की उपस्थिति अनिवार्य होती है। अगर ग्राहक उपस्थित नहीं हो सकते, तो उन्हें लिखित सहमति देनी होती है।
बैंक लॉकर तोड़ने के अधिकार
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और अन्य बैंकों की नीति के अनुसार यदि ग्राहक तीन साल तक लगातार लॉकर किराया नहीं चुकाते, तो बैंक बकाया राशि वसूलने के लिए लॉकर तोड़ सकता है। इसी तरह अगर कोई लॉकर सात साल तक एक्टिव नहीं रहता है और ग्राहक बैंक नहीं आते, तो बैंक इसे खोलने का अधिकार रखता है, चाहे किराया चुकाया गया हो या नहीं।
आपराधिक मामलों में लॉकर तोड़ने के नियम
यदि किसी ग्राहक पर आपराधिक आरोप है और लॉकर में अपराध से संबंधित सबूत होने का शक है, तो बैंक और पुलिस अधिकारी ग्राहक की गैर-मौजूदगी में लॉकर तोड़ सकते हैं। चाबी गुमने पर ग्राहकों को सतर्कता बरतनी चाहिए और बैंक के नियमों का पालन करना चाहिए।