Monsoon Insurance Claims: बारिश से घर और कार को नुकसान, क्या आपके इंश्योरेंस प्लान में होगा कवर?
Monsoon Insurance Claims: हर साल मानसून के साथ जलभराव, बाढ़ और सीलन जैसी परेशानियां बढ़ जाती हैं। इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं घर और गाड़ी के मालिक। जानिए क्या आपका होम और कार इंश्योरेंस इन नुकसान की भरपाई करेगा या नहीं।
बीमा कंपनियां मानसून से जुड़े क्लेम को लेकर काफी सख्त हो गई हैं।
Monsoon Insurance Claims: हर साल जब मानसून आता है, तो सिर्फ बारिश नहीं, बल्कि सिरदर्द भी साथ लाता है। खासतौर पर घर और कार मालिकों के लिए। घरों की दीवारों में सीलन, फर्नीचर खराब, गैजेट्स फेल और सड़कों पर पानी में डूबी गाड़ियां आम नजारे बन जाते हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही होता है: क्या बीमा कंपनी इस नुकसान को कवर करेगी?
असल में, मानसून में होने वाला हर नुकसान इंश्योरेंस के दायरे में नहीं आता। स्टैंडर्ड पॉलिसी अक्सर बुनियादी चीजें ही कवर करती हैं। बाकी चीजों के लिए आपको ऐड-ऑन या राइडर लेने पड़ते हैं।
होम इंश्योरेंस: क्या कवर होता है, और क्या नहीं?
स्टैंडर्ड होम इंश्योरेंस पॉलिसी बाढ़ या पानी भरने के कारण हुए गंभीर नुकसान को तो कवर करती है। जैसे कि दीवारों का ढह जाना या क्रैक आना, फर्नीचर-इलेक्ट्रॉनिक्स और कीमती सामान बर्बाद होना, घर के स्ट्रक्चर को स्थायी नुकसान होना।
लेकिन धीरे-धीरे उभरने वाली समस्याएं जैसे सीलन, फफूंदी, पेंट उखड़ना, लकड़ी गलना या वायरिंग में खराबी पर क्लेम करना मुश्किल होता है। बीमा कंपनियां इन्हें 'नैचुरल वियर एंड टियर' या रखरखाव की लापरवाही मानती हैं। अगर आप इन चीजों को कवर करना चाहते हैं, तो आपको स्पेशल राइडर्स लेने होंगे।
स्पेशल राइडर्स कैसे दिलाएंगे क्लेम?
1. Seepage Rider: यह राइडर घर की दीवारों या छत में धीरे-धीरे होने वाली सीलन, नमी, पेंट उखड़ने और फफूंदी जैसे नुकसान को कवर करता है। आमतौर पर इन्हें 'वियर एंड टियर' मानकर बीमा कंपनियां क्लेम रिजेक्ट कर देती हैं, लेकिन यह राइडर इन खर्चों की भरपाई करता है।
2. Contents Insurance: इस कवर में आपके घर के अंदर मौजूद फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, कपड़े और अन्य जरूरी सामान शामिल होते हैं। बाढ़ या जलभराव के कारण अगर ये खराब हो जाएं, तो बीमा कंपनी इनका खर्च देती है। लेकिन, इसके लिए पॉलिसी में यह ऐड-ऑन होना जरूरी है।
3. Temporary Relocation Cover: अगर जलभराव या संरचनात्मक नुकसान के कारण आपका घर अस्थायी रूप से रहने लायक नहीं रह जाता, तो यह कवर होटल या किराए के घर में रहने का खर्च देता है। यह विशेष रूप से उन इलाकों में फायदेमंद है, जहां मानसून में अक्सर घरों को खाली करना पड़ता है।
कार इंश्योरेंस: इंजन सबसे बड़ा जोखिम
बाढ़ में डूबती गाड़ियों का सबसे बड़ा नुकसान इंजन को होता है। इंजन की कीमत किसी भी कार की कुल वैल्यू का 60-70% तक हो सकती है। पानी के कारण अगर इंजन में हाइड्रोस्टैटिक लॉक हो जाए यानी इंजन में पानी घुस जाए और वो स्टार्ट ही न हो, तो ये स्टैंडर्ड इंश्योरेंस से कवर नहीं होता।
ये ऐड-ऑन क्लेम सुरक्षित रखेंगे आपकी गाड़ी
1. Engine Protection Cover: यह कवर बाढ़ जैसे हालात में इंजन में पानी घुसने से होने वाले हाइड्रोस्टैटिक लॉक या अन्य मैकेनिकल डैमेज को कवर करता है। बिना इस ऐड-ऑन के इंजन से जुड़ा बड़ा खर्च आपको खुद उठाना पड़ सकता है।
2. Zero Depreciation Cover: यह ऐड-ऑन आपको एक्सीडेंट या बाढ़ के बाद पार्ट्स की कीमत में कटौती से बचाता है। यानी कंपनी फुल क्लेम देती है, भले ही आपकी कार पुरानी हो।
3. Consumables Cover: इंजन ऑयल, ब्रेक फ्लूड, नट-बोल्ट, ग्रीस जैसे छोटे लेकिन महंगे आइटम्स आमतौर पर स्टैंडर्ड पॉलिसी में कवर नहीं होते। ये ऐड-ऑन इन सभी खर्चों को कवर करता है।
4. Roadside Assistance: इसमें गाड़ी बंद हो जाने पर कंपनी की ओर से टोइंग, ऑन-साइट रिपेयर, बैटरी जंप-स्टार्ट जैसी सेवाएं मिलती हैं। मानसून में पानी में फंसी गाड़ियों के लिए यह बेहद जरूरी सुविधा है।
मानसून में क्लेम करते समय किन बातों का ध्यान रखें?
बीमा कंपनियां मानसून से जुड़े क्लेम को लेकर काफी सख्त हो गई हैं। छोटे से चूक पर भी क्लेम रिजेक्ट हो सकता है। इसलिए कुछ बातें हमेशा याद रखें।
डैमेज की फोटो/वीडियो तुरंत लें।
पहले और बाद की स्थिति रिकॉर्ड करें।
बीमा कंपनी को 48 से 72 घंटे के अंदर सूचित करें।
देर करने पर क्लेम रिजेक्ट हो सकता है।
गाड़ी चालू न करें अगर वह पानी में डूबी हो।
इंजन स्टार्ट करने की कोशिश से डैमेज और बढ़ सकता है।
बीमा कंपनी इसे यूजर मिस्टेक मान सकती है।
मरम्मत से पहले सर्वेयर की अनुमति लें।
बिना सर्वे के कोई भी रिपेयर काम शुरू न करें।
सभी डॉक्यूमेंट संभालकर रखें।
रिपेयर बिल, मैकेनिक की रिपोर्ट, वाटरप्रूफिंग या सर्विसिंग के रिकॉर्ड भी जरूरी हो सकते हैं।
अधूरी पॉलिसी से लाखों का नुकसान
मानसून का मौसम जितना खूबसूरत होता है, उतना ही महंगा भी साबित हो सकता है अगर बीमा पॉलिसी अधूरी हो। घर में धीरे-धीरे हुई सीलन से लेकर कार के इंजन में अचानक घुसे पानी तक, इन सबका खर्च हजारों में नहीं, लाखों में पहुंच सकता है। लेकिन अगर आपने समझदारी से पॉलिसी और ऐड-ऑन लिए हैं, तो बीमा वाकई आपके नुकसान की भरपाई कर सकता है।
बीमा खरीदते वक्त क्या जांचें?
क्या आपकी पॉलिसी में फ्लड या वॉटर डैमेज का कवर है?
क्या आप ऐसे क्षेत्र में रहते हैं जहां हर साल जलभराव होता है?
क्या आपने इंजन प्रोटेक्शन, सीलन कवर जैसे राइडर जोड़े हैं?