Get App

म्यूचुअल फंड की विदेशी स्कीमों में निवेश का मौका चूक गए हैं? जानिए कैसा रहा है इनका रिटर्न

विदेश में निवेश करने वाली म्यूचुअल फंड की स्कीमों का एसेट अंडर मैनेजमेंट 70,000 करोड़ रुपये है। हालांकि, पिछले दो-ढ़ाई साल में इन स्कीमों में निवेशकी की दिलचस्पी घटी है। फिर भी इनवेस्टर्स डायवर्सिफिकेशन के लिए विदेशी स्कीमों में निवेश करते रहे हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Mar 25, 2024 पर 2:55 PM
म्यूचुअल फंड की विदेशी स्कीमों में निवेश का मौका चूक गए हैं? जानिए कैसा रहा है इनका रिटर्न
म्यूचुअल फंड्स की विदेशी स्कीमों में करीब 3-4 साल पहले निवेशकों की दिलचस्पी बढ़नी शुरू हुई थी। इसकी वजह अमेरिका स्टॉक मार्केट के सूचकांक NasdaQ 100 का शानदार प्रदर्शन था।

अभी म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) की 70 स्कीमें हैं, जो विदेशी मार्केट में निवेश करती हैं। ये स्कीमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज, सेमीकंडक्टर्स और इलेक्ट्रिव व्हीकल्स से जुड़ी कंपनियों के स्टॉक्स में निवेश करती हैं। इन स्कीमों का कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 70,000 करोड़ रुपये है। म्यूचुअल फंड हाउसेज के विदेश में निवेश करने वाली स्कीमों में इनवेस्टमेंट पर प्रतिबंध लगा देने के बावजूद इन स्कीमों का एयूएम बढ़ा है। SEBI ने पिछले हफ्ते म्यूचुअल फंड हाउसेज को उन स्कीमों में निवेश नहीं लेने को कहा था जो विदेश में ईटीएफ में निवेश करती हैं। इससे डायवर्सिफिकेशन के लिए विदेशी मार्केट में निवेश का प्लान बना रहे इनवेस्टर्स के लिए ऑप्शन घट गए हैं।

विदेशी फंडों के निवेश के लिए नियम

विदेश में निवेश के वास्ते म्यूचुअल फंडों के लिए मैक्सिमम 7 अरब डॉलर की सीमा तय है। जनवरी 2022 में म्यूचुअल फंडों का विदेश में निवेश इस सीमा तक पहुंच गया था। इसके बाद SEBI ने म्यूचुअल फंडों को विदेश में निवेश वाली स्कीमों में नया निवेश नहीं लेने को कहा था। अब विदेशी ईटीएफ में भी म्यूचुअल फंडों का निवेश 1 अरब डॉलर की तय मैक्सिमम सीमा तक पहुंच गया है। इसलिए सेबी ने उन्हें अपनी स्कीमों में नया निवेश नहीं लेने को कहा है।

पिछले दो-ढाई साल में घटी है दिलचस्पी

सब समाचार

+ और भी पढ़ें