Bank Services: आज के समय में बैंक अकाउंट खोलना जितना आसान है, उतना ही महंगा उसे बनाए रखना हो गया है। बीते कुछ सालों में बैंक ने अपनी हर सर्विस पर चार्ज जोड़ दिया है। ऐसी सर्विस जो फ्री होती थी, उन पर भी चार्ज लगाना शुरू कर दिया है। चाहे वो पासबुक अपडेट हो, कैश ट्रांजेक्शन हो या फिर साइन वेरिफिकेशन कराना हो। अब सभी जगह बैंक चार्ज वसूलने लगे हैं।
छोटी सर्विस पर भी लेते हैं चार्ज
अब बैंक ब्रांच में जाकर पासबुक अपडेट कराना हो या अकाउंट से जुड़ी कोई जानकारी लेनी हो, तो सबके लिए चार्ज देना पड़ता है। मई में बैंकों ने ATM से पांच से ज्यादा बार पैसे निकालने पर 23 रुपये का एक्स्ट्रा चार्ज लागू कर दिया था। वहीं, 1 जुलाई से कुछ क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शनों पर भी नए चार्ज लग चुके हैं।
कैश जमा और निकालने पर कड़ा नियम
कैश ट्रांजेक्शन अब और महंगा हो गया है। कई बैंक सिर्फ तीन बार तक कैश जमा या निकालने को फ्री रखते हैं, उसके बाद हर बार 150 रुपये तक का चार्ज देना पड़ता है। इतना ही नहीं, अगर एक महीने में किसी ग्राहक ने एक लाख रुपये से ज्यादा कैश जमा किया, तो उस पर भी 150 रुपये का एक्स्ट्रा चार्ज लगाया जाएगा।
ग्राहकों के फायदे भी हुए कम
सुविधाओं पर चार्ज लगाने के साथ बैंक कटौती भी करने लगे हैं। उदाहरण के लिए एसबीआई ने अपने प्राइम और पल्स क्रेडिट कार्ड पर मिलने वाला 50 लाख रुपये का मुफ्त हवाई दुर्घटना बीमा 15 जुलाई से बंद कर दिया है। यानी सुविधाएं घट रही हैं और चार्ज बढ़ते जा रहे हैं।
अब IMPS ट्रांजैक्शन भी नहीं रहेगा फ्री
15 अगस्त से एसबीआई IMPS ट्रांजैक्शन यानी तुरंत पैसा भेजने की सर्विस पर भी चार्ज लेने जा रहा है। अभी तक 5 लाख रुपये तक की ट्रांजैक्शन फ्री थी, लेकिन अब 25 हजार रुपये से ऊपर के ट्रांजैक्शन पर 2 से 10 रुपये तक का चार्ज और उस पर जीएसटी भी लगेगा।
कई सर्विस पर लगता जा रहा है चार्ज
बैंक खाते को चलाने के लिए अब हर छोटी चीज का पेमेंट करना पड़ता है, जैसे डुप्लीकेट पासबुक बनवाने पर 100 रुपये, साइन वेरिफिकेशन पर 100 से 150 रुपये, चेक रोकने पर 200 रुपये, मोबाइल नंबर या ईमेल अपडेट करने पर 50 रुपये + जीएसटी, और डेबिट कार्ड री-पिन के लिए 50 रुपये चार्ज देना पड़ रहा है।
बैंकिंग सर्विस अब पहले जैसी सुविधाजनक और सस्ती नहीं रही। एक आम ग्राहक के लिए हर ट्रांजेक्शन और हर सर्विस की कीमत चुकाना अब एक हकीकत बन चुकी है। ऐसे में जरूरी है कि ग्राहक अपने बैंक के चार्ज स्ट्रक्चर को ध्यान से पढ़ें। साथ ही डिजिटल और मुफ्त ऑप्शन को चुने।