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NPS की मदद से आप सालाना अतिरिक्त 71000 रुपये टैक्स बचा सकते हैं, जानिए कैसे

एनपीएस में इनकम टैक्स की नई रीजीम का इस्तेमाल करने वाले लोगों को ज्यादा बेनेफिट है। अगर आप नई रीजीम का इस्तेमाल करते हैं तो सेक्शन 80सीसीडी(2) के तहत एनपीएस में बेसिक सैलरी का एंप्लॉयर का 14 फीसदी तक कंट्रिब्यूशन टैक्स-फ्री है

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 14, 2024 पर 4:41 PM
NPS की मदद से आप सालाना अतिरिक्त 71000 रुपये टैक्स बचा सकते हैं, जानिए कैसे
सेक्शन सेक्शन 80सीसीडी (1बी) के तहत एंप्लॉयर खुद एनपीएस में 50,000 रुपये का कंट्रिब्यूशन कर अतिरिक्त टैक्स बचा सकता है।

कई बार सैलरी स्ट्रक्चर टैक्स-फ्रेंडली नहीं नहीं होने से एंप्लॉयी को ज्यादा टैक्स चुकाना पड़ता है। सैलरी के कई ऐसे हिस्से हैं, जिन्हें टैक्स से छूट हासिल है। सैलरी स्ट्रक्चर में इनके शामिल नहीं होने पर एंप्लॉयी पर टैक्स लायबिलिटी बढ़ जाती है। दूसरा, टैक्स बचाने में एनपीएस काफी हेल्पफुल है। अगर आप एनपीएस में कंट्रिब्यूट नहीं करते हैं तो इसमें कंट्रिब्यूशन शुरू कर सकते हैं। इससे आपकी टैक्स लायबिलिटी काफी घट जाएगी। साथ ही, लंबी अवधि में आपके लिए अच्छा फंड तैयार हो जाएगा। एनपीएस में रिटायरमेंट के बाद आपको पेंशन भी मिलेगी।

इनकम टैक्स की नई रीजीम में ज्यादा बेनेफिट

एनपीएस (NPS) में इनकम टैक्स की नई रीजीम का इस्तेमाल करने वाले लोगों को ज्यादा बेनेफिट है। अगर आप नई रीजीम का इस्तेमाल करते हैं तो सेक्शन 80सीसीडी(2) के तहत एनपीएस में बेसिक सैलरी का एंप्लॉयर का 14 फीसदी तक कंट्रिब्यूशन टैक्स-फ्री है। अगर आप इनकम टैक्स की ओल्ड स्कीम का इस्तेमाल करते हैं तो एनपीएस में बेसिक सैलरी का एंप्लॉयर का 10 फीसदी तक कंट्रिब्यूशन टैक्स-फ्री होगा। इसका मतलब है कि अगर आप इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम का इस्तेमाल कर रहे हैं तो भी एनपीएस में कंट्रिब्यूशन कर आप सालाना अतिरिक्त 50,000 रुपये का टैक्स बचा सकते हैं।

एनपीएस की मदद से दो तरह से हो सकती है टैक्स-सेविंग्स

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