2017 के जुलाई में जब देश में पहले से ही नोटबंदी पर गरमागरम बहस चल रही थी, तब सरकार ने गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (GST) लागू कर दिया। यह एक इनडायरेक्ट टैक्स है जिसने सर्विस टैक्स, वैट और एक्साइज टैक्स की जगह ले ली। यानी, जीएसटी के बाद सभी प्रोडक्ट और सर्विस एक छतरी मलतब GST के तहत आ गया। अब हर एक प्रोडक्ट, सर्विस की स्टेज पर टैक्स लगता है।