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Personal Loan: कितने समय के लिए लेना चाहिए लोन, EMI कम कराना सही या टेन्योर?

Personal Loan EMI Planning: पर्सनल लोन लेते समय लोन की अवधि और EMI में सही संतुलन जरूरी है। लंबी अवधि से EMI कम होती है, लेकिन ब्याज ज्यादा देना पड़ता है, जबकि छोटी अवधि में EMI ज्यादा लेकिन कुल ब्याज कम होता है।

Suneel Kumarअपडेटेड May 03, 2025 पर 12:22 AM
Personal Loan: कितने समय के लिए लेना चाहिए लोन, EMI कम कराना सही या टेन्योर?
Personal Loan की EMI का प्लान बनाते समय मासिक आमदनी और खर्चों के संतुलन का जरूर ध्यान रखना चाहिए।

Personal Loan EMI Planning: मेडिकल इमरजेंसी, शादी या किसी अन्य जरूरत के चलते कई बार पर्सनल लोन लेना जरूरी हो जाता है। जब भी कोई शख्स पर्सनल लोन लेने की योजना बनाता है, तो सबसे अहम फैसलों में से एक होता है लोन की अवधि (tenure) तय करना।

यह अवधि सीधे तौर पर आपकी EMI (Equated Monthly Instalment) पर असर डालती है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर लोन की अवधि लंबी हो, तो EMI कम बनती है। वहीं, छोटी अवधि में EMI ज्यादा चुकानी पड़ती है। ऐसे में सही संतुलन बैठाना जरूरी हो जाता है।

EMI घटानी हो तो लोन अवधि बढ़ाएं

EMI के हिसाब से आपके लोन की अवधि कम या अधिक हो जाती है। अब मान लीजिए आप ₹3 लाख का पर्सनल लोन 11% की सालाना ब्याज दर पर लेते हैं।

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