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PPF: मैं इनकम टैक्स की नई रीजीम का इस्तेमाल करता हूं, क्या मुझे पीपीएफ में इनवेस्ट करना चाहिए?

पीपीएफ खासकर उन इनवेस्टर्स के लिए काफी अट्रैक्टिव है, जो निवेश में रिस्क नहीं लेना चाहते। पीपीएफ के रिटर्न पर शेयर मार्केट के उतार-चढ़ाव का असर नहीं पड़ता है। इनवेस्टर को पता होता है कि हर साल एक फिक्स्ड अमाउंट का निवेश करने पर 15 साल बाद उसे कितने पैसे मिलेंगे

Your Money Deskअपडेटेड Dec 01, 2025 पर 6:06 PM
PPF: मैं इनकम टैक्स की नई रीजीम का इस्तेमाल करता हूं, क्या मुझे पीपीएफ में इनवेस्ट करना चाहिए?
पीपीएफ का आकर्षण इसके टैक्स के नियमों की वजह से और बढ़ जाता है। यह EEE की कैटेगरी में आता है।

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) लंबी अवधि के निवेश के लिए लंबे समय से लोगों की पहली पसंद रहा है। कई लोग रिटायरमेंट प्लानिंग में पीपीएफ को शामिल करते हैं। इसकी वजह यह है कि इससे 15 साल में एक बड़ा फंड तैयार हो जाता है। पीपीएफ इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी के तहत आता है। इसका मतलब है कि इसमें निवेश पर टैक्स डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है। लेकिन, यह सुविधा सिर्फ इनकम टैक्स की पुरानी रीजीम में उपलब्ध है। ऐसे में सवाल है कि क्या इनकम टैक्स की नई रीजीम का इस्तेमाल करने वाले टैक्सपेयर्स को पीपीएफ में इनवेस्ट करना चाहिए?

सेक्शन 80सी के तहत डिडक्शन का फायदा नहीं

एक्सपर्ट्स का कहना है कि इनकम टैक्स की नई रीजीम का इस्तेमाल करने वाले टैक्सपेयर्स भी PPF में इनवेस्ट कर सकते हैं। Public Provident Fund की कई खास बातें हैं। इसमें निवेश करने पर 15 साल में बड़ा फंड तैयार हो जाता है। इस पैसे का इस्तेमाल आप अपने बच्चों के हायर एजुकेशन या शादी-ब्याह के लिए कर सकते हैं। चूंकि इनकम टैक्स की नई रीजीम में सेक्शन 80सी के तहत डिडक्शन की इजाजत नहीं है, जिससे पीपीएफ में किए गए निवेश पर टैक्सपेयर डिडक्शन क्लेम नहीं कर सकता है। इससे पीपीएफ का आकर्षण कम नहीं हो जाता है।

रिटर्न पर स्टॉक मार्केट के उतारचढ़ाव का असर नहीं

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