Flat: जब भी आप कोई फ्लैट खरीदते हैं तो बिल्डर या प्रॉपर्टी डीलर आपसे कार्पेट एरिया, बिल्ट-अप और सुपर बिल्ट-अप एरिया के बारे में जरूर जिक्र करता है। ऐसे में इन शब्दों के अर्थ बहुत जानना बहुत जरूरी है। बहुत से लोग इन शब्दों के बीच का फर्क नहीं जानते है। इसी का बिल्डर्स या प्रॉपर्टी डीलर्स फायदा उठाते। इससे धोखाधड़ी का जोखिम बढ़ सकता है। दरअसल, किसी भी फ्लैट की कीमत स्क्वायर फीट पर तय होती है। ऐसे में ग्राहक को मालूम होना चाहिए कि वो किसके लिए कितने रुपये चुका रहे हैं। यहां जानिए क्या होता है कार्पेट, बिल्ट-अप और सुपर बिल्ट-अप एरिया के बारे में
बिल्टअप एरिया (Built Up Area)
बात करते हैं बिल्ट अप एरिया के बारे में। यह एक तरह से आपके पूरे घर का एरिया होता है। इसमें कमरा और दीवार की मोटाई की जगह के साथ बालकनी, क्यारी आदि को भी शामिल किया जाता है। कुल मिलाकर बिल्ट अप एरिया उस प्रॉपर्टी के कार्पेट एरिया और दीवारों की मोटाई के साथ बालकनी का कुल एरिया होता है।
सुपर एरिया या सुपर बिल्ट अप एरिया के बारे में कुछ ऐसे समझे कि किसी प्रॉपर्टी का सुपर बिल्ट अप एरिया वह जगह होगी। जहां तक खरीदार का कब्जा । कुल मिलाकर आप इस पूरे एरिया को खरीदने के लिए ही पैसे दे रहे हैं। आपकी रजिस्ट्री में सुपर एरिया को आपने मालिकाना हक की तरह लिखा जाएगा। यानी आप उतने क्षेत्रफल की प्रॉपर्टी के मालिक बन चुके हैं। इसमें पार्क, जिम, जेनरेटर रूम, सीढियां, लिफ्ट, टेनिस कोर्ट आदि इसी सुपर बिल्ट-अप एरिया का ही हिस्सा होते हैं।
अगर आपने कोई अंडर-कंस्ट्रक्शन मकान (Under Construction Home) बुक कर लिया है। बुकिंग के दौरान जो कार्पेट एरिया आपको बताया गया है, वह अगर असल फ्लैट से कम होता है तो आपको रिफंड भी मिलेगा। मकान बनते समय कार्पेट एरिया में कमी या बढ़ोतरी हो सकती है। लिहाजा जब आप फाइनल प्रोडक्ट लें तो उसका मिलान पहले बताई जगह से कर लेना चाहिए। कारपेट एरिया फ्लैट के अंदर का खाली स्थान होता है। ये बिल्ट अप एरिया का 70 फीसदी होता है।
लिविंग डायनिंग रूम, बेडरूम, बाथरूम, स्टडी रूम और किचन आदि का निर्माण कारपेट एरिया में ही किया जाता है। इसे नेट यूजेबल एरिया भी कहा जाता है। दीवार की मोटाई, बालकनी, छत वगैरह को इस हिस्से में शामिल नहीं किया जाता. लेकिन अगर छत की सीढियां घर के अंदर ही बनी हुई हैं, तो वो कारपेट एरिया में शामिल होती हैं।