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RBI का नया नियम: तेजी से क्लियर होंगे चेक, धोखाधड़ी की गुंजाइश भी घटेगी; ग्राहकों को होगा फायदा

RBI ने CTS के तहत नए दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिससे चेक तेजी से क्लियर होंगे। रीयल-टाइम सेटलमेंट, लगातार चेक प्रोसेसिंग से ग्राहकों का अनुभव बेहतर होगा और धोखाधड़ी का जोखिम कम होगा। जानिए पूरी डिटेल।

Edited By: Suneel Kumarअपडेटेड Aug 18, 2025 पर 10:41 PM
RBI का नया नियम: तेजी से क्लियर होंगे चेक, धोखाधड़ी की गुंजाइश भी घटेगी; ग्राहकों को होगा फायदा
CTS के तहत चेक पूरे कामकाजी घंटों में लगातार स्कैन, प्रेजेंट और क्लियर किए जाएंगे।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने चेक ट्रंक्शन सिस्टम (CTS) के तहत तेज चेक क्लियरेंस के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। CTS के तहत चेक का फिजिकल तरीके से लेन-देन नहीं होगा, बल्कि यह पूरी प्रक्रिया इमेज और इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल पर आधारित होगी। इस बदलाव का मकसद चेक प्रोसेसिंग को लगातार चलाने लायक बनाना और रीयल-टाइम सेटलमेंट सुनिश्चित करना है।

पूरे दिन सिंगल प्रेजेंटेशन विंडो

4 अक्टूबर से बैंक 10 बजे से 4 बजे तक चेक की इमेज और मैग्नेटिक इंक कैरेक्टर रिकॉग्निशन (MICR) डेटा तुरंत क्लियरिंग हाउस को भेजेंगे। क्लियरिंग हाउस दिनभर इन्हें भुगतान करने वाले बैंक (ड्रॉई बैंक) को भेजेगा। इससे चेक का फिजिकल तरीके से चलना बंद हो जाएगा और बैंक का खर्च भी बचेगा। अभी CTS बैच-प्रोसेसिंग मोड में काम करता है।

लगातार चेकिंग और कन्फर्मेशन

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