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Digital Payment: सेफ ट्रांजेक्शन के लिए अब OTP के अलावा भी रहेंगे ऑप्शन, RBI लाया नए नियम

RBI New Rules on Digital Payments: भारत ऐसे देशों में शामिल है, जो टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन पर जोर देते हैं। वित्तीय संस्थान अब तक लेनदेन के लिए मुख्य रूप से SMS अलर्ट पर ही निर्भर थे। नए नियमों का मकसद डिजिटल पेमेंट्स को अधिक सुरक्षित बनाना है

Edited By: Ritika Singhअपडेटेड Sep 26, 2025 पर 9:40 AM
Digital Payment: सेफ ट्रांजेक्शन के लिए अब OTP के अलावा भी रहेंगे ऑप्शन, RBI लाया नए नियम
SMS OTP का इस्तेमाल पहले की ही तरह जारी रहेगा।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने डिजिटल पेमेंट्स को लेकर नए नियमों की घोषणा की है। कहा है कि पेमेंट्स के मामले में टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन के लिए अब SMS OTP के अलावा अन्य विकल्प भी अपनाए जा सकेंगे। इन नए नियमों का मकसद डिजिटल पेमेंट्स को अधिक सुरक्षित बनाना है। ये 1 अप्रैल, 2026 से लागू होंगे। RBI ने ‘ऑथेंटिकेशन मैकेनिज्म्स फॉर डिजिटल पेमेंट ट्रांजेक्शंस संबंधी निर्देश, 2025’ जारी किए हैं।

RBI ने कहा कि पेमेंट ऑथेंटिकेशन के फैक्टर्स में ‘यूजर के पास मौजूद कोई चीज’, ‘यूजर को पता कोई चीज’ या ‘यूजर की कोई पहचान’ शामिल हो सकते हैं। इसमें मोबाइल पर SMS के जरिए आने वाले OTP के अलावा पासवर्ड, पासफ्रेज, पिन, कार्ड हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर टोकन, फिंगरप्रिंट या अन्य बायोमेट्रिक तरीके शामिल हो सकते हैं। SMS OTP का इस्तेमाल पहले की ही तरह जारी रहेगा।

यूनीक और नया होना चाहिए कम से कम एक ऑथेंटिकेशन फैक्टर

भारत ऐसे देशों में शामिल है, जो टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन पर जोर देते हैं। वित्तीय संस्थान अब तक लेनदेन के लिए मुख्य रूप से SMS अलर्ट पर ही निर्भर थे। नए नियमों के तहत कम-से-कम एक ऑथेंटिकेशन फैक्टर हर एक लेनदेन के लिए यूनीक और नया होना चाहिए। पेमेंट सिस्टम भी मजबूत होना चाहिए ताकि किसी एक फैक्टर का कॉम्प्रोमाइज होने पर अन्य फैक्टर्स की विश्वसनीयता प्रभावित न हो।

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