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RBI: केवायसी नियमों को आसान बनाएगा आरबीआई, छोटे बदलाव के लिए बार-बार डॉक्युमेंट सब्मिट करने की जरूरत नहीं पड़ेगी

Reserve Bank of India: आरबीआई की कोशिश कस्टमर्स के लिए प्रोसेस को आसान बनाने की है। इस प्रस्ताव के लागू होने पर कस्टमर्स को KYC में छोटे-मोटे अपडेट्स कराने में काफी आसानी होगी। उन्हें इसके लिए सिर्फ एक सेल्फ-डक्लेरेशन फॉर्म भरना होगा। उसमें बताना होगा कि उनकी आइडेंटिटी से जुड़ी जानकारी बदल गई है

Edited By: Rakesh Ranjanअपडेटेड May 24, 2025 पर 1:42 PM
RBI: केवायसी नियमों को आसान बनाएगा आरबीआई, छोटे बदलाव के लिए बार-बार डॉक्युमेंट सब्मिट करने की जरूरत नहीं पड़ेगी
केंद्रीय बैंक समय-समय पर KYC को अपडेट कराने के विकल्पों को भी बढ़ा रहा है।

रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 'नो योर कस्टमर्स' गाइडलाइंस में बड़े बदलाव का प्रस्ताव दिया है। इसका फायदा नए कस्टमर्स के साथ उन पुराने कस्टमर्स को मिलेगा, जो अपने आइडेंफिकेशन को अपडेट यानी उसमें मामूली बदलाव कराना चाहते हैं। इससे पहले आरबीआई ने इस मामले में कस्टमर्स से फीडबैक मांगा था। इससे बैंक और एनबीएफसी सहित फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस को ऑपरेशंस में आसानी होगी। साथ ही कस्टमर्स को भी फायदा होगा।

छोटे-मोटे अपडेट कराने में होगी आसानी

RBI की कोशिश कस्टमर्स के लिए प्रोसेस को आसान बनाने की है। इस प्रस्ताव के लागू होने पर कस्टमर्स को KYC में छोटे-मोटे अपडेट्स कराने में काफी आसानी होगी। उन्हें इसके लिए सिर्फ एक सेल्फ-डक्लेरेशन फॉर्म भरना होगा। उसमें बताना होगा कि उनकी आइडेंटिटी से जुड़ी जानकारी बदल गई है। जैसे अगर कोई कस्टमर अपना एड्रेस बदलवाना चाहता है तो उसे सेल्फ-डक्लेरेशन फॉर्म भरकर यह बताना होगा कि उसका एड्रेस बदल गया है। इस डेक्लेरेशन को कई डिजिटल चैनल के जरिए सब्मिट किया जा सकता है। इनमें रजिस्टर्ड ईमेल, मोबाइल नंबर, एटीएम और ऑनलाइन बैंकिंग एप्लिकेशंस शामिल हैं।

एक ही डॉक्युमेंट बार-बार देने की जरूरत नहीं

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