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ऋषिकेश-हरिद्वार में आएगा रियल एस्टेट बूम! दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे देगा बूस्ट, तेजी से बढ़ रही हैं प्रॉपर्टी की कीमतें

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे बनने से ऋषिकेश-हरिद्वार के रियल एस्टेट में बूम आएगा। ऋषिकेश-हरिद्वार-देहरादून में प्रॉपर्टी के दामों में हलचल शुरू हो चुकी है। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे उत्तर भारत में कनेक्टिविटी और अर्बन डेवलपमेंट की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो रहा है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 19, 2025 पर 1:30 PM
ऋषिकेश-हरिद्वार में आएगा रियल एस्टेट बूम! दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे देगा बूस्ट, तेजी से बढ़ रही हैं प्रॉपर्टी की कीमतें
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे बनने से ऋषिकेश-हरिद्वार के रियल एस्टेट में बूम आएगा।

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे बनने से ऋषिकेश-हरिद्वार के रियल एस्टेट में बूम आएगा। ऋषिकेश-हरिद्वार-देहरादून में प्रॉपर्टी के दामों में हलचल शुरू हो चुकी है। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे उत्तर भारत में कनेक्टिविटी और अर्बन डेवलपमेंट की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो रहा है। 210 किमी लंबे इस एक्सप्रेसवे को 13,000 करोड़ रुपये की लागत से भारतमाला परियोजना के तहत विकसित किया गया है। यह दिल्ली से देहरादून की यात्रा को 6.5 घंटे से घटाकर सिर्फ 2.5 घंटे तक सीमित कर देगा।

चार चरणों में बन रहे इस एक्सप्रेसवे का पहला चरण दिल्ली के अक्षरधाम से बागपत तक 32 किमी लंबा है, जो अब सिर्फ 25 मिनट में पूरा हो जाता है। दूसरा चरण 118 किमी का ग्रीनफील्ड रूट बागपत से सहारनपुर तक है, जिसमें 60 से अधिक अंडरपास और अतिरिक्त इंटरचेंज शामिल हैं। तीसरे चरण में सहारनपुर से गणेशपुर (उत्तराखंड) तक 40 किमी की छह लेन सड़क बनाई जा रही है। चौथा और अंतिम चरण गणेशपुर से देहरादून तक 19.5 किमी का है, जिसमें राजाजी टाइगर रिजर्व के बीच से डाट काली देवी टनल बन रही है।

इस एक्सप्रेसवे के साथ-साथ देहरादून के बहु-मॉडल ट्रांसपोर्ट नेटवर्क में भी तेजी से बदलाव आ रहा है। उत्तराखंड मेट्रो साल 2026 तक ऑपरेशन तक का टारगेट रखा गया है। हरिद्वार-ऋषिकेश और देहरादून को जोड़ने वाली दो कॉरिडोरों के जरिए भीड़भाड़ कम करने और टूरिज्म को बढ़ावा देने की दिशा में काम करेगी।

जॉली ग्रांट एयरपोर्ट का विस्तार भी तेजी पकड़ रहा है, जिसके लिए 87 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जा चुकी है। यह एयरपोर्ट अब अंतरराष्ट्रीय उड़ानों और बड़ी क्षमता वाले विमानों को संभालने में सक्षम होगा। साथ ही चारधाम हाईवे और रेलवे परियोजनाएं 889 किमी के दायरे में धार्मिक स्थलों को नई पहुंच दे रही हैं।

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