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Regular vs direct mutual funds: आपके लिए कौन-सा प्लान रहेगा बेहतर, किससे बनेगा तगड़ा पैसा? जानिए एक्सपर्ट से

Regular vs direct mutual funds: रेगुलर बनाम डायरेक्ट म्यूचुअल फंड, कौन-सा प्लान ज्यादा फायदेमंद है? डायरेक्ट प्लान कम खर्च वाले हैं, जबकि रेगुलर प्लान गाइडेंस और सपोर्ट देते हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक, लागत, सलाह और टैक्स मिलकर असली फैसला तय करते हैं। जानिए डिटेल।

Suneel Kumarअपडेटेड Nov 25, 2025 पर 9:45 PM
Regular vs direct mutual funds: आपके लिए कौन-सा प्लान रहेगा बेहतर, किससे बनेगा तगड़ा पैसा? जानिए एक्सपर्ट से
डायरेक्ट म्यूचुअल फंड में निवेशक सीधे फंड हाउस से खरीदते हैं, इसलिए इसमें कोई कमीशन नहीं लगता।

Regular vs direct mutual funds: रेगुलर और डायरेक्ट म्यूचुअल फंड प्लान्स के बीच चुनाव निवेशकों के लिए हमेशा से एक बड़ी दुविधा रहा है। इसी मुद्दे पर CNBC-TV18 ने Germinate Investor Services LLP के फाउंडर और पार्टनर संतोष जोसेफ और MO Private Wealth के CIO संदीपन रॉय से बात की। दोनों एक्सपर्ट्स का मानना है कि डायरेक्ट प्लान भले ही सस्ते होते हैं, लेकिन फैसला केवल खर्च देखकर नहीं करना चाहिए।

रेगुलर और डायरेक्ट म्यूचुअल फंड में अंतर

डायरेक्ट म्यूचुअल फंड में निवेशक सीधे फंड हाउस से खरीदते हैं, इसलिए इसमें कोई कमीशन नहीं लगता। एक्सपेंस रेशियो कम होने की वजह से लंबी अवधि में रिटर्न ज्यादा मिल सकता है। लेकिन फंड चुनने से लेकर पोर्टफोलियो मैनेज करने तक की पूरी जिम्मेदारी निवेशक की होती है।

रेगुलर म्यूचुअल फंड में कमीशन जुड़ा होता है, इसलिए खर्च थोड़ा ज्यादा पड़ता है। लेकिन इसके बदले एक एडवाइजर मिलता है, जो सही फंड चुनने, गोल प्लानिंग, एसेट एलोकेशन और मार्केट गिरावट में गलत फैसले लेने से बचाने में मदद करता है। यानी रेगुलर प्लान गाइडेंस चाहने वालों के लिए बेहतर, जबकि डायरेक्ट प्लान अनुभव वाले निवेशकों के लिए सही माना जाता है।

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