एक छोटी सी लड़की… जो रोज अपने भाई को क्रिकेट किटबैग लेकर प्रैक्टिस जाते देखती थी। भाई रन बनाकर आता तो घर में उसकी खूब तारीफ होती। अखबार में जब भाई की फोटो छपती, तो वो कटिंग संभालकर फाइल में चिपका देती। एक दिन उसने वही फोटो देखते हुए सोचा— "क्या कभी मेरा भी नाम छपेगा?" बस उसी पल उसने तय कर लिया कि क्रिकेट ही उसका रास्ता है। यही छोटी लड़की आगे चलकर भारतीय महिला क्रिकेट टीम की उपकप्तान बनी स्मृति मंधाना। 2 नवंबर को हुए ऐतिहासिक पल में उनके बल्ले ने 1973 से चला आ रहा भारत का इंतजार खत्म किया और महिला विश्व कप 2025 जिताने में बड़ी भूमिका निभाई।
