Retirement Planning: मेरे बैंक एफडी में 80 लाख रुपये हैं, 5 साल बाद रिटायरमेंट के लिए क्या यह पैसा पर्याप्त है?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि रिटायरमेंट के बाद आपका मंथली खर्च इनफ्लेशन की वजह से हर साल बढ़ता जाता है। इसका मतलब है कि अगर आपका मंथली खर्च अभी 55,000 रुपये है तो कुछ साल बाद इनफ्लेशन की वजह से यह बढ़कर 80,000 रुपये हो जाएगा
रिटायरमेंट बाद के खर्च के लिए बैंक एफडी के पैसे को ऐसे इनवेस्टमेंट ऑप्शन में निवेश करना होगा, जिसका रिटर्न एफडी से काफी ज्यादा हो।
आज कई लोग रिटायरमेंट के लिए 60 साल की उम्र का इंतजार नहीं करना चाहते। वे जल्द रिटायरमेंट के बाद अपने शौक पूरा करना चाहते हैं। लेकिन, इसके लिए आपके पास पर्याप्त फंड होना चाहिए। रिटायर होते ही रेगुलर इनकम बंद हो जाती है। 50 साल का एक व्यक्ति 5 साल में रिटायर होना चाहता है। उसके बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट में 80 लाख रुपये हैं। उसका मंथली खर्च 60,000 रुपये है। सवाल है कि क्या रिटायरमेंट के लिए यह फंड पर्याप्त है?
इनफ्लेशन की वजह से मंथली खर्च हर साल बढ़ता है
एक्सपर्ट्स का कहना है कि रिटायरमेंट के बाद आपका मंथली खर्च इनफ्लेशन की वजह से हर साल बढ़ता जाता है। इसका मतलब है कि अगर आपका मंथली खर्च अभी 55,000 रुपये है तो कुछ साल बाद इनफ्लेशन की वजह से यह बढ़कर 80,000 रुपये हो जाएगा। आप सालाना 6 फीसदी इनफ्लेशन का अनुमान लगा सकते हैं। स्क्रिपबॉक्स के मैनेजिंग पार्टनर सचिन जैन ने कहा, "इनफ्लेशन की वजह से फूड, हेल्थकेर, फ्यूल आदि पर आपका खर्च बढ़ता रहता है।"
बैंक एफडी का रिटर्न इनफ्लेशन से थोड़ा ही ज्यादा
मंथली 80,000 रुपये का खर्च अगले 20 साल तक करने के लिए बैंक एफडी में 1.83 करोड़ रुपये जरूरी है। यहां एफडी का रिटर्न सालाना 6.5 फीसदी माना गया है, जो इनफ्लेशन से थोड़ा ही ज्यादा है। हम फौजी एनिशिएटिव्स के सीईओ कर्नल (रिटायर्ड) संजीव गोविला ने कहा, "इनफ्लेशन और टैक्स के बाद 0.47 फीसदी के मामूली रिटर्न का मतलब है कि आपके फंड पर दबाव बना रहेगा।"
एफडी में पैसा बहुत सुस्त रफ्तार से बढ़ता है
उन्होंने कहा कि 80 लाख रुपये के फंड से रिटायरमेंट बाद की आपकी सिर्फ 44-46 फीसदी जरूरत पूरी होगी। इसका मतलब है कि आपका यह फंड जल्द खत्म हो सकता है। आपके 70 साल की उम्र तक पहुंचने पर यह पूरी तरह से खत्म हो सकता है। बैंक एफडी पर 6-7 फीसदी के बीच रिटर्न मिलता है। लेकिन, टैक्स के बाद यह घटकर 4.5 फीसदी रह जाता है। 5 साल में 80 लाख का फंड बढ़कर 1.13 करोड़ रुपये हो जाता है। देखने में यह काफी लगता है, लेकिन 1.83 करोड़ के टारगेट से यह करीब 70 लाख रुपये कम है।
बैलेंस्ड इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो में इनवेस्ट करना होगा
इस फर्क को देखते हुए आपको बैंक एफडी से पैसा निकालकर ऐसे बैलेंस्ड इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो में लगाना होगा, जिससे आपको सालाना 9-11 फीसदी रिटर्न मिल जाए। गोविला ने कहा, "एक अच्छी डायवर्सिफायड इनवेस्टमेंट स्ट्रेटेजी सेफ्टी, स्टैबिलिटी और ग्रोथ पर आधारित होती है।" जैन का मानना है कि ग्रोथ के लिए पैसा इक्विटी म्यूचुअल फंड और स्टैबिलिटी के लिए डेट/बॉन्ड्स में इनवेस्ट करना होगा। इससे आपके फंड का कुल रिटर्न बढ़ जाएगा।
डेट और हाइब्रिड फंड का रिटर्न एफडी से ज्यादा
गोविला ने कहा, "टैक्स के बाद डेट और हाइब्रिड म्यूचुअल फंड का रिटर्न एफडी से काफी ज्यादा होता है। खासकर तब जब आप 3 साल से ज्यादा समय के लिए इनवेस्ट करते हैं।" लेकिन, इसमें रिस्क है, क्योंकि म्यूचुअल फंड्स के रिटर्न पर मार्केट के उतारचढ़ाव का असर पड़ता है। लेकिन, यह देखा गया है कि लंबी अवधि के निवेश पर मार्केट के उतारचढ़ाव का कम असर पड़ता है।
सालाना सिर्फ 3-4 फीसदी विड्रॉल करना होगा
बैलेंस्ड इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो से फंड की कमी 1.03 करोड़ रुपये से घटकर 55 लाख रुपये रह जाती है। इस कमी को पूरा करने के लिए आप अगले पांच साल तक सिप से रेगुलर निवेश कर सकते हैं या अतिरिक्त पैसा आने पर पर उसे म्यूचुअल फंड में लगा सकते हैं। दरअसल, 1.83 करोड़ का फंड तैयार करने के लिए अनुशासन जरूरी है। जैन ने कहा, "आपका फंड खत्म न हो, इसके लिए आपको सालाना सिर्फ 3-4 फीसदी विड्रॉल करना होगा।"
बकेट स्ट्रेटेजी के इस्तेमाल से मिलेगी मदद
1.83 करोड़ के फंड से सालाना 3.5 फीसदी विड्रॉल रेट का मतलब यह है कि मंथली 51,000 रुपये आपके हाथ में आएंगे। इसका मतलब है कि आपको लग्जरी से जुड़े अपने खर्च में कमी करनी होगी। गोविला का कहना है कि आप बकेट स्ट्रेटेजी अपना सकते हैं। बकेट 1 (0-5 साल) एफडी और लिक्विड/डेट फंड में जरूरी खर्च के लिए है। बकेट 2 (5-10 साल) मीडियम टर्म की जरूरत के लिए हाइब्रिड फंड में होगा। बकेट 3 (10 साल से ज्यादा) लंबी अवधि की ग्रोथ के लिए इक्विटी या हाइब्रिड फंड में होना चाहिए।
अगर आप एफडी में 80 लाख रुपये के फंड के साथ रिटायर होना चाहते हैं तो आपको तुरंत एक्शन लेना होगा। इसकी वजह यह है कि 1 करोड़ रुपये से ज्यादा के डेफिसिट के लिए आपको इनवेस्टमेंट में डायवर्सिफिकेशन करना होगा। आपको इनवेस्टमेंट में सेफ्टी के साथ ग्रोथ पर फोकस करना होगा। आपको सालाना सिर्फ 3-4 फीसदी विड्रॉल करना होगा। इससे आपका फंड आपकी 75 साल या इससे ज्यादा उम्र तक चल सकता है।