Rule Change From 1st Oct: क्रेडिट कार्ड पेमेंट, अटल पेंशन, NPS ई-मॉनिनेशन सहित इनवेस्टमेंट से जुड़े 6 नियम बदल गए, जान लेंगे तो नुकसान से बचेंगे
Rule Change From 1st Oct: अगर आप क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं या NPS में निवेश करते हैं तो आपके लिए इन बदलावों को जानना जरूरी है। अगर 1 अक्टूबर से बदलने वाले इन नियमों को जान लेंगे तो नुकसान से बचेंगे।
क्रेडिट कार्ड से रेंट पेमेंट पर एक फीसदी चार्ज लगेगा
Rule Change From 1st Oct: आज से क्रेडिट कार्ड टोकनाइजेशन, अटल पेंशन योजना, NPS के ई-नॉमिनेशन और क्रेडिट कार्ड से रेंट पेमेंट महंगा होने के साथ ही कुल 6 नियम बदल गए हैं। अगर आप क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं या NPS में निवेश करते हैं तो आपके लिए इन बदलावों को जानना जरूरी है। अगर 1 अक्टूबर से बदलने वाले इन नियमों को जान लेंगे तो नुकसान से बचेंगे।
कार्ड्स का टोकनाइजनेशन
क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड के लिए RBI के टोकनाइजेशन (Tokenisation of cards) रूल्स 1 अक्टूबबर से लागू हो जाएंगे। मर्चेंट वेबसाइट्स आपके कार्ड का नंबर, CVV या एक्सपायरी डेट ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के लिए अपने सर्वर पर स्टोर नहीं कर पाएंगे। कार्ड के यूजर को वेबसाइट पर कोई सामान खरीदने से पहले एक टोकन क्रिएट करना पड़ेगा और उस टोकन को उस खास वेबसाइट (भविष्य में इस्तेमाल के लिए) पर सेव (Save) करना होगा। आप चाहे तो पेमेंट के वक्त टोकन जेनरेट कर सकते हैं और बाद में इस्तेमाल के लिए सेव कर सकते हैं।
हालांकि, डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड टोकनाइजेशन प्रोसेस अनिवार्य नहीं है। कस्टमर के पास अपने कार्ड को मर्चेंट वेबसाइट पर टोकनाइज नहीं करने का विकल्प है। ऐसी स्थिति में कस्टमर को वेबसाइट पर हर ट्रांजेक्शन के वक्त कार्ड की डिटेल एंटर करनी होगी। इनमें 16 डिजिट का कार्ड नबंर, एक्सपायरी डेट और कार्ड वेरिफिकेशन वैल्यू (CVV) शामिल होंगे।
टोकनाइजेशन का मकसद क्रेडिट और डेबिट कार्ड के इस्तेमाल को सुरक्षित बनाना है। इससे अगर मर्चेंट वेबसाइट के डेटा लीक हो जाते हैं तो फ्रॉड करने वाले आपके कार्ड का दुरूपयोग नहीं कर सकेंगे।
क्रेडिट कार्ड्स के नए नियम क्या हैं?
इस साल अप्रैल में RBI ने क्रेडिट और डेबिट कार्ड जारी करने के लिए मास्टर डायरेक्शंस जारी किए थे। ये 1 अक्टूबर से प्रभावी हो जाएंगे। कार्ड जारी होने के 30 से ज्यादा दिन बीत जाने के बाद भी एक्टिवेट नहीं किया जाता है तो कार्ड जारी करने वाले बैंक को क्रेडिट कार्ड को एक्टिवेट करने के लिए कार्डहोल्डर से ओटीपी आधारित सहमति हासिल करनी होगी। इस नियम का मकसद कार्ड के इस्तेमाल को सुरक्षित बनाना और उसका दुरूपयोग रोकना है। कार्ड जारी करने वाले बैंक को कस्टमर पर कोई कॉस्ट लिए बगैर क्रेडिट कार्ड अकाउंट को बंद करना होगा।
NPS में e-nomination आज से आसान
1 अक्टूबर से NPS के सब्सक्राइबर्स के लिए e-nomination प्रोसेस आसान हो जाएगा। अभी नॉमिनेशन को अपडेट करने के उनके ऑनलाइन रिक्वेस्ट्स को नोडल ऑफिसर या कंपनी (जहां वह नौकरी करता है) को अथॉराइज्ड करना पड़ता है। इससे काफी समय लग जाता है। नए नियम लागू होने के बाद अगर 30 दिन के अंदर रिक्वेस्ट को रिजेक्ट या एक्सेप्ट नहीं करता है तो नॉमिनेशन रिक्वेस्ट अपने आप सिस्टम की तरफ से एक्सेप्ट हो जाएगा।
MF इनवेस्टर्स के लिए सेबी का नया नियम
आप जो भी निवेश करते हैं, उसमें नॉमिनेशन अनिवार्य है। सेबी ने सभी म्यूचुअल फंड्स हाउसेज को कहा है कि वे सभी म्यूचुअल फंड इनवेस्टमेंट में नॉमिनेशन अनिवार्य रूप से कराएं। 1 अक्टूबर, 2022 से म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले इनवेस्टर को या तो नॉमिनेशन कराना होगा या यह रिक्वेस्ट सब्मिट करना होगा कि वे नॉमिनेशन नहीं कराना चाहते।
APY में कंट्रिब्यूट नहीं कर पाएंगे इनकम टैक्स चुकाने वाले
इनकम टैक्स चुकाने वाले लोग 1 अक्टूबर से अटल पेंशन योजना (APY) में कंट्रिब्यूट नहीं कर सकेंगे। यह स्कीम मुख्य रूप से कमजोर आर्थिक वर्ग के लोगों के लिए है। इस स्कीम में 1,000 से लेकर 5,000 रुपये की मासिक पेंशन मिलती है।
ICICI Bank ने क्रेडिट कार्ड के जरिए रेंट पेमेंट पर एक फीसदी चार्ज का नियम लागू करने जा रहा है। 20 अक्टूबर से यह चार्ज लगना शुरू हो जाएगा। अभी किसी बैंक के क्रेडिट कार्ड से रेंट पेमेंट करने पर चार्ज नहीं लगता था। Redgiraffe, Cred, Paytm और मैजिकब्रिक्स जैसी थर्ड पाटी वेबसाइट या ऐप के जरिए क्रेडिट कार्ड से रेंट का पेमेंट किया जा सकता है। यह चार्ज वेबसाइट की तरफ से लगाई जाने वाली 0.4 से 2 फीसदी की प्रोसेसिंग फीस से अलग होगी।