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SEBI ने म्यूचुअल फंडों से पूछा कि उन्होंने सुपर सीनियर सिटीजंस को स्मॉलकैप स्कीमें क्यों बेची

स्मॉलकैप फंडों को लेकर SEBI की सख्ती बढ़ रही है। अब मार्केट रेगुलेटर ने म्यूचुअल फंड हाउसेज से पूछा है कि उन्होंने सुपर सीनियर सिटीजंस को स्मॉलकैप स्कीमें क्यों बेची। इसकी वजह है कि स्मॉलकैप स्कीमों को काफी रिस्की माना जाता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Mar 28, 2024 पर 3:29 PM
SEBI ने म्यूचुअल फंडों से पूछा कि उन्होंने सुपर सीनियर सिटीजंस को स्मॉलकैप स्कीमें क्यों बेची
80 साल और इससे ज्यादा उम्र के लोगों को सुपर सीनियर सिटीजन कहा जाता है।

म्यूचुअल फंड हाउसेज पर SEBI का शिंकजा कसता जा रहा है। अब मार्केट रेगुलेटर ने एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) से पूछा है कि उन्होंने सुपर सीनियर सिटीजंस को स्मॉलकैप स्कीमें क्यों बेची? मिंट ने पहले यह खबर दी थी। 80 साल और इससे ज्यादा उम्र के लोगों को सुपर सीनियर सिटीजन कहा जाता है। इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स का कहना है कि सीनियर सिटीजंस और रिटायर्ड लोगों को म्यूचुअल फंडों की स्मॉलकैप और मिडकैप स्कीमों में निवेश नहीं करना चाहिए। इसकी वजह यह है कि इन स्कीमों में कई बार तेज उतारचढ़ाव देखने को मिलता है।

स्मॉलकैप स्कीम में रिस्क ज्यादा

इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स का कहना है कि लंबी अवधि में स्मॉलकैप और मिडकैप स्कीमों का रिटर्न ज्यादा रहता है। इनमें कम से कम 7 साल के लिए निवेश करने पर अच्छा रिटर्न मिलता है। लेकिन, शॉर्ट टर्म में इनमें उतारचढ़ाव का रिस्क ज्यादा रहता है। एक फंड हाउस के एग्जिक्यूटिव के मुताबिक, सेबी ने उन एसेट मैनेजमेंट कंपनियों को ईमेल भेजा है, जिनके डेटा से पता चलता है कि उनकी स्मॉलकैप स्कीमों में सुपर सीनियर सिटीजंस ने निवेश किया है।

सुपर सीनियर सिटीजंस से कनफर्मेशन लेने का निर्देश

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