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Starlink के साथ जियो और एयरटेल के समझौते से आपको होगा क्या फायदा?

प्राकृतिक आपदाओं के चलते मोबाइल टावर्स और ब्रॉडबैंड नेटवर्क को काफी नुकसान होता है। इससे इंटरनेट सेवाएं बाधित हो जाती हैं। ऐसी स्थिति में सैटेलाइट नेटवर्क काफी मददगार साबित होता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि सैटकॉम की मदद से पहाड़ी इलाकों में हेल्थकेयर और एजुकेशन सहित कई तरह की सेवाएं ऑफर करना आसान हो जाएगा

MoneyControl Newsअपडेटेड Mar 12, 2025 पर 2:33 PM
Starlink के साथ जियो और एयरटेल के समझौते से आपको होगा क्या फायदा?
सैटकॉम इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) को सपोर्ट करता है।

स्टारलिंक ने जियो प्लेटफॉर्म्स और भारती एयरटेल से समझौते किए हैं। इससे इंडिया में टेलीकॉम सेवाओं में क्रांतिकारी बदलाव आ सकते हैं। पहला फायदा यह होगा कि उन इलाके के लोगों को भी फास्ट इंटरनेट सुविधाएं मिल सकेंगी, जिनमें ब्रॉडबैंड सेवाओं के लिए फाइबर केबल बिछाना मुमकिन नहीं है। हालांकि, इंडिया में लोगों को सैटेलाइट आधारित इंटरनेट सेवाओं के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा। स्पेसएक्स से फाइनल एप्रूवल मिलने के बाद ही स्टारलिंक इंडिया में अपनी सेवाएं जियो प्लेटफॉर्म्स और भारती एयरटेल के जरिए ऑफर करेगी।

पहाड़ी और पठारी इलाकों में मिलेगी टेलीकॉम सेवाएं

अभी देश के ज्यादातार इलाकों में इंटरनेट सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए फाइबर ऑप्टिक्स और मोबाइल टावर्स का इस्तेमाल होता है। मैदानी और शहरी इलाकों में तो इंटरनेट सेवाओं के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर लगाने में दिक्कत नहीं आती है, लेकिन पहाड़, रेगिस्तान और समुद्री इलाकों में इस टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल में काफी दिक्कत आती है। सैटेलाइट कम्युनिकेशन (Satcom) इस प्रॉब्लम का समाधान पेश करता है। इसके जरिए उन इलाकों में इंटरनेट सेवाएं ऑफर की जा सकती हैं, जहां फाइबर ऑप्टिक्स और मोबाइल टावर्स लगाना मुमकिन नहीं है।

बाढ़ और तूफान से नहीं बाधित होंगी टेलीकॉम सेवाएं

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