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रिटायरमेंट बाद के खर्चों के लिए SWP के इस्तेमाल में काफी फायदा, जानिए यह कैसे काम करता है

SWP में आपको यह तय करना पड़ता है कि हर महीने आप कितना पैसा निकालना चाहते हैं। फिर फंड हाउस उतना पैसा हर महीने आपके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर देता है। बाकी यूनिट्स की एनएवी मार्केट में उतार-चढ़ाव के हिसाब से बढ़ती और घटती रहती है

Your Money Deskअपडेटेड Dec 09, 2025 पर 7:18 PM
रिटायरमेंट बाद के खर्चों के लिए SWP के इस्तेमाल में काफी फायदा, जानिए यह कैसे काम करता है
SWP का एक बड़ा अट्रैक्शन इससे टैक्स के नियम हैं। मंथली पेआउट को रिडेम्प्शन माना जाता है। इसलिए सिर्फ गेंस के हिस्से पर टैक्स लगता है।

रिटायरमेंट प्लानिंग का पहला चैलेंज एक बड़ा फंड तैयार करना है। दूसरा चैलेंज ऐसा प्लान बनाना है, जिससे यह फंड आपके जीवित रहने तक आपकी जरूरत पूरी कर सके। कई लोग इसके लिए बैंक एफडी या एन्युटी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं। सिस्टमैटिक विड्रॉल प्लान (एसडब्ल्यूपी) एक तीसरा विकल्प है। इसमें आप हर महीने एक फिक्स्ड अमाउंट निकालते हैं, जबकि बाकी पैसा निवेश में बना रहता है।

पैसा लंबे समय तक ब्लॉक नहीं होता है

SWP में आपको यह तय करना पड़ता है कि हर महीने आप कितना पैसा निकालना चाहते हैं। फिर फंड हाउस उतना पैसा हर महीने आपके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर देता है। बाकी यूनिट्स की एनएवी मार्केट में उतार-चढ़ाव के हिसाब से बढ़ती और घटती रहती है। रिटायर करने वाले व्यक्ति को यह ठीक लगता है, क्योंकि उसका पैसा लंबे समय तक ब्लॉक नहीं होता है। विड्रॉल अमाउंट पर उसका कंट्रोल बना रहता है।

 फिक्स्ड इनकम प्रोडक्ट्स का भी इस्तेमाल

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