नया फाइनेंशियल ईयर शुक्रवार (1 अप्रैल) से शुरू हो गया है। टैक्स से जुड़े कई नियम आज से लागू हो गए हैं। इनमें क्रिप्टोकरेंसी से प्रॉफिट पर 30% टैक्स का नियम भी शामिल है। 50 लाख रुपये से ज्यादा मूल्य की अचल संपत्ति (Immovable Property) की बिक्री पर 1 फीसदी टीडीएस का नियम भी 1 अप्रैल से लागू हो गया है।
नियमों में बदलाव के बाद 1 फीसदी टीडीएस के लिए ट्रांजेक्शन वैल्यू या स्टैंप ड्यूटी वैल्यू में से जो ज्यादा होगा, उसे आधार माना जाएगा। सरकार का मानना है कि इससे रियल एस्टेट की बिक्री कम कीमत पर दिखाने के चलन में कमी आएगी। जहां तक क्रिप्टोकरेंसी के प्रॉफिट पर टैक्स की बात है तो उस पर 30 फीसदी टैक्स चुकाना होगा, भले ही व्यक्ति की कुल इनकम टैक्स छूट की 2.50 लाख की सीमा से कम हो।
क्रिप्टोकरेंसी के प्रॉफिट पर टैक्स के मामले में किसी तरह के डिडक्शन की इजाजत नहीं होगी। क्रिप्टोकरेंसी के लाखों निवेशकों पर इस नियम का सीधा असर पड़ेगा। क्रिप्टो से होने वाला उनका प्रॉफिट कम हो जाएगा। अब तक क्रिप्टोकरेंसी से हुए प्रॉफिट पर किसी तरह का
टैक्स नहीं लगता था। नए नियम से क्रिप्टोकरेंसी में इनवेस्ट में लोगों की दिलचस्पी कम होगी।
इस साल 1 फरवरी को पेश बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले मुनाफे पर 30 फीसदी टैक्स लगेगा। इस ऐलान से यह माना गया था कि सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता दे दी है। लेकिन, बाद में वित्तमंत्री ने स्पष्ट किया था कि टैक्स लगाने का मतलब यह नहीं है कि इसे सरकार की मान्यता मिल गई है।
घर खरीदारों को होम लोन के इंट्रेस्ट पर पर मिलने वाला 1,50,000 का अतिरिक्त डिडक्शन भी खत्म हो जाएगा। सरकार ने 45,00, 000 रुपये तक की कीमत का घर खरीदने पर होम लोन के इंट्रेस्ट के मामले में यह अतिरिक्त डिडक्शन देती थी। यह डिडक्शन 31 मार्च, 2022 तक लिए गए होम लोन पर ही था। इसका मतलब है कि घर खरीदने पर टैक्स के मामले में मिलने वाली यह अतिरिक्त छूट अब नहीं मिलेगी।
सरकार ने पहले स्कीम के लिए होम लोन सैंक्शन का पीरियड 31 मार्च, 2020 से बढ़ाकर 31 मार्च 2021 कर दिया था। बाद में इस डेडलाइन को बढ़ाकर 31 मार्च, 2022 कर दिया गया था। सरकार ने इस साल बजट में इस स्कीम की अवधि बढ़ाने के बारे में कुछ नहीं कहा।