क्या आपने गलत इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किया है, टैक्स नोटिस मिलने से पहले अपडेटेड रिटर्न भर दें
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने हाल में अपडेटेड रिटर्न फाइल करने के लिए फॉर्म नोटिफाइ किया है। फाइनेंशियल ईयर 2019-20 और बाद के सालों के लिए फॉर्म ITR-U का इस्तेमाल किया जा सकता है
आप इनकम टैक्स पोर्टल incometax.gov.in पर ITR-U फॉर्म फाइल कर सकते हैं। टैक्सपेयर को ITR-U फाइल करने की वजह बतानी होगी।
अगर आप तय समय सीमा के अंदर इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) फाइल करना भूल गए हैं या आपने टैक्स रिटर्न में कम इनकम दिखाई है तो आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) का नोटिस मिल सकता है। यह नोटिस मिलने से पहले आपके लिए अपडेटेड इनकम टैक्स रिटर्न भर देना ठीक होगा।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने हाल में अपडेटेड रिटर्न फाइल करने के लिए फॉर्म नोटिफाइ किया है। फाइनेंशियल ईयर 2019-20 और बाद के सालों के लिए फॉर्म ITR-U का इस्तेमाल किया जा सकता है।
फाइनेंस एक्ट 2022 में टैक्सपेयर्स को अपडेटेड रिटर्न फाइल करने की इजाजत देने के लिए प्रावधान किया गया है। अपडेटेड रिटर्न निम्नलिखित स्थितियों में फाइल किया जा सकता है:
1. अगर टैक्सपेयर ने सेक्शन 139(1) के तहत इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किया है और उसे बाद में यह लगता है कि उसने किसी इनकम के बारे में नहीं बताया है या कम इनकम दिखाया है
2. अगर टैक्सपेयर ने सेक्शन 139(4) के तहत Belated Return भरा है और बाद में उसे पता चलता है कि वह कोई इनकम बताना भूल गया है या कम इनकम दिखाया है
3. अगर टैक्सपेयर सेक्शन 139(5) के तहत तय समयसीमा के अंदर रिवाइज्ड रिटर्न फाइल कर चुका है और बाद उसे याद आता है कि उसने कोई इनकम नहीं दिखाया है या कम इनकम दिखाया है
4. टैक्सपेयर अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना भूल गया है
अगर एडिशनल टैक्स नहीं बनता है, टैक्स रिफंड बढ़ जाता है या टैक्स लायबिलिटी घट जाती है तो अपडेटेड रिटर्न फाइल नहीं किया जा सकता है। यह भी ध्यान में रखना जरूरी है कि टैक्सपेयर किसी एक एसेसमेंट ईयर में सिर्फ एक बार अपडेटेड रिटर्न फाइल कर सकता है और इसे बाद में रिवाइज्ड नहीं किया जा सकता।
किस पीरियड के लिए अपडेटेड रिटर्न फाइलिंग की इजाजत है?
सिर्फ एसेसमेंट ईयर खत्म होने और उसके 24 महीने बाद ही अपडेटेड रिटर्न फाइल किया जा सकता है। इसलिए एसेसमेंट इयर 2020-21 (फाइनेंशियल ईयर 2019-20) के लिए अपडेटेड इनकम टैक्स रिटर्न 31 मार्च, 2023 तक फाइल किया जा सकता है। अगर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने किसी खास एसेसमेंट ईयर की एसेसमेंट प्रोसिडिंग्स पूरी कर ली है या शुरू कर चुका हो तो उस साल के लिए अपडेटेड रिटर्न फाइल नहीं किया जा सकता।
कैसे फाइल करें अपडेटेड रिटर्न?
आप इनकम टैक्स पोर्टल incometax.gov.in पर ITR-U फॉर्म फाइल कर सकते हैं। टैक्सपेयर को ITR-U फाइल करने की वजह बतानी होगी। इनमें (1) पहले रिटर्न नहीं फाइल किया गया (2) इनकम की सही जानकारी नहीं दी गई (3) इनकम का गलत हेड सेलेक्ट किया गया (4) कैरिड फॉरवर्ड लॉस में कमी (5) Unabsorbed depreciation में कमी (6) सेक्शन 115JB/115JC के तहत टैक्स क्रेडिट में कमी (7) टैक्स का गलत रेट सहित अन्य चीजें शामिल हैं। इसे या तो (a) डिजिटल सिग्नेचर के तहत इलेक्टॉनिक तरीके से फाइल किया जा सकता है या (b) इलक्ट्रोनिक वेरिफिकेशन कोड के तहत, जो लागू हो। दूसरे इनकम टैक्स रिटर्न की तरह इसमें इनकम का डिटेल ब्रेकअप सब्मिट करने की जरूरत नहीं है।
अपडेटेड रिटर्न के तहत एडिशनल टैक्स
अपडेटेड रिटर्न फाइल करने की फैसिलिटी फ्री नहीं है। इसमें टैक्सपेयर की तरफ से चुकाए जाने वाले रेगुलर इनकम टैक्स के अलावा एडिशनल टैक्स लायबिलिटी बनती है। एडिशनल टैक्स का अमाउंट अपडेडेट रिटर्न फॉर्म की फाइलिंग के टाइम पर निर्भर करता है:
1. एसेसमेंट ईयर खत्म होने के बाद से 12 महीने की एक्सपायरी पर फाइल करने पर--ऐसे मामले में एडिशनल टैक्स रेगुलेटर टैक्स+बकाया इंटरेस्ट का 25 फीसदी होगा।
2. एसेसमेंट ईयर के अंत से 12 महीने से लेकर 24 महीने के बीच अपडेटेड रिटर्न फाइल करने पर--ऐसे मामलों में एडिशनल टैक्स रेगुलर टैक्स+बकाया इंटरेस्ट का 50 फीसदी होगा।
ITR-U ऐसी फैसिलिटी है, जिसका टैक्सपेयर को करना चाहिए। इसके मायने ठीक तरह से समझने के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट या टैक्स एडवाइजर की मदद ली जा सकती है। इससे रिटर्न में किसी तरह की गलती से बचा जा सकता है। हालांकि, सही इनकम टैक्स रिटर्न तय समय के अंदर फाइल करना सबसे अच्छा है।