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क्या है लाइफस्टाइल महंगाई? जो आपकी जेब में कर देती है छेद, सेविंग के लिए नहीं बचता पैसा

Lifestyle Inflation: जब हमारी सैलरी बढ़ती है, तो हममें से ज्यादातर लोग अपने जीवन को थोड़ा और आरामदायक बनाने के लिए खर्च भी बढ़ा देते हैं। बड़ा घर खरीदना, महंगे रेस्टोरेंट में खाना, ब्रांडेड कपड़े पहनना या नई कार लेना

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 27, 2025 पर 4:05 PM
क्या है लाइफस्टाइल महंगाई? जो आपकी जेब में कर देती है छेद, सेविंग के लिए नहीं बचता पैसा
जब हमारी सैलरी बढ़ती है, तो हममें से ज्यादातर लोग अपने जीवन को थोड़ा और आरामदायक बनाने के लिए खर्च भी बढ़ा देते हैं।

Lifestyle Inflation: जब हमारी सैलरी बढ़ती है, तो हममें से ज्यादातर लोग अपने जीवन को थोड़ा और आरामदायक बनाने के लिए खर्च भी बढ़ा देते हैं। बड़ा घर खरीदना, महंगे रेस्टोरेंट में खाना, ब्रांडेड कपड़े पहनना या नई कार लेना। इसे ही कहा जाता है लाइफस्टाइल इन्फ्लेशन (Lifestyle Inflation) यानी आमदनी बढ़ने के साथ लाइफस्टाइल में इतना बदलाव कि सेविंग के लिए कुछ न बचे।

शुरुआत में यह अच्छा लगता है क्योंकि इससे लाइफ आसन लगती है। लेकिन धीरे-धीरे यही आदत आपकी आर्थिक स्थिति को कमजोर करने लगती है। कई बार ऐसा होता है कि सैलरी बढ़ने क बाद भी इंसान महीने के अंत में फिर खाली जेब के साथ रह जाता है।इसे ही पेबैक-टू-पेबैक लाइफ कहा जाता है।

क्यों बचना चाहिए लाइफस्टाइल इन्फ्लेशन से?

जिंदगी में सेविंग और निवेश दोनों बहुत जरूरी हैं। अगर हर बार सैलरी बढ़ने पर आप अपना खर्च भी उसी अनुपात में बढ़ाते हैं, तो भविष्य के लिए कुछ नहीं बचता। सेविंग न होने का मतलब है कि आप निवेश नहीं कर पाएंगे। शेयर मार्केट, रियल एस्टेट या कहीं भी पैसा इन्वेस्ट नहीं कर पाएंगे। धीरे-धीरे आपकी आमदनी तो बढ़ेगी, लेकिन आपकी संपत्ति नहीं। ज्यादा इनकम आपको तब तक फायदा नहीं देगी जब तक आपका खर्चों पर नियंत्रण नहीं होगा।

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