Wheat Farming Tips: गेहूं की फसल के लिए सिंचाई कृषि के लिए बहुत जरूरी है। यह फसल की वृद्धि में मदद करती है और अच्छी पैदावार सुनिश्चित करती है। जनवरी महीने में किसान गेहूं की अगेती फसल की दूसरी सिंचाई कर रहे हैं। हालांकि इस समय कुछ सावधानियां बरतना बहुत जरूरी है। यदि सिंचाई सही तरीके से नहीं की जाती तो फसल को नुकसान हो सकता है। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक दूसरी सिंचाई हल्की करनी चाहिए ताकि खेत में पानी का भराव न हो। ज्यादा पानी देने से मिट्टी नरम हो जाती है और जड़ों की पकड़ कमजोर हो सकती है जिससे फसल गिरने का खतरा बढ़ जाता है।
सिंचाई का सही समय भी बहुत अहम है। शाम के समय सिंचाई करना सबसे अच्छा होता है क्योंकि इस समय हवा की गति कम रहती है और पानी मिट्टी में अच्छे से समा जाता है। इस तरह सही तरीके से सिंचाई करने से गेहूं की फसल अच्छी और स्वस्थ रहती है।
गेहूं की दूसरी सिंचाई का सही समय
लोकल 18 से बात करते हुए कृषि विशेषज्ञ डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि नवंबर के आखिरी हफ्ते या दिसंबर में बोई गई गेहूं की फसल में दूसरी सिंचाई का समय अब सही है। यह समय फसल के लिए सबसे अच्छा होता है और सही तरीके से सिंचाई करने पर बेहतर उत्पादन हासिल किया जा सकता है।
दूसरी सिंचाई के दौरान यह ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि सिंचाई हल्की हो। अधिक पानी से बचें क्योंकि इससे मिट्टी में जलभराव हो सकता है जिससे जड़ों को नुकसान पहुंचेगा। ज्यादा पानी देने से मिट्टी नरम हो जाती है और जड़ों की पकड़ कमजोर हो जाती है। इसके कारण हल्की हवा भी फसल को गिरा सकती है जिससे उत्पादन में भारी गिरावट आ सकती है।
सिंचाई करते समय जरूरी सावधानियां
सिंचाई करते समय किसानों को यह ध्यान रखना चाहिए कि पानी सिर्फ मिट्टी को गीला कर सके, न कि पानी खेत में भर जाए। अगर जलभराव हो गया तो इससे फसल को काफी नुकसान हो सकता है और उत्पादन प्रभावित हो सकता है। इसलिए सिंचाई को नियंत्रित और सटीक तरीके से करना जरूरी है।
सिंचाई का समय भी बहुत महत्वपूर्ण है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे शाम के समय सिंचाई करें जब हवा की गति धीमी होती है। इस समय सिंचाई करने से खेत में पानी ज्यादा देर तक रहता है और सुबह तक गेहूं की फसल हरी-भरी और ताजगी से भरपूर दिखती है। सुबह के समय सिंचाई करने से पानी जल्दी सूख सकता है और फसल को अधिक लाभ नहीं मिल पाता।