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Critical Illness Cover: हेल्थ इंश्योरेंस में क्रिटिकल इलनेस कवर शामिल करना क्यों है जरूरी? जानें बीमारी और बचत का पूरी सच्चाई

Critical Illness Cover हेल्थ इंश्योरेंस का वह अतिरिक्त हिस्सा है जो कैंसर, हार्ट अटैक, स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज में होने वाले भारी खर्चों को पूरा करता है। यह कवर बीमार डायग्नोश्ड होने पर एकमुश्त राशि प्रदान करता है, जिससे मरीज इलाज के साथ-साथ अन्य खर्चों को भी आसानी से संभाल सकता है।

Edited By: Shradha Tulsyanअपडेटेड Nov 20, 2025 पर 11:03 PM
Critical Illness Cover: हेल्थ इंश्योरेंस में क्रिटिकल इलनेस कवर शामिल करना क्यों है जरूरी? जानें बीमारी और बचत का पूरी सच्चाई

आजकल हेल्थ इंश्योरेंस लेना आवश्यक हो गया है, लेकिन सामान्य पॉलिसी हर बीमारी को कवर नहीं करती। खासतौर पर गंभीर बीमारियां जैसे कैंसर, हार्ट अटैक, स्ट्रोक, किडनी फेलियर आदि के इलाज पर भारी खर्च आता है, जिसे सामान्य पॉलिसी में नहीं कवर किया जाता। इसलिए, क्रिटिकल इलनेस कवरेज एक महत्वपूर्ण ऐड-ऑन होता है, जो इन गंभीर बीमारियों के लिए फाइनेंशियल सपोर्ट देता है।

क्रिटिकल इलनेस कवर क्या है?

क्रिटिकल इलनेस कवर एक तरह का डिफाइंड बेनिफिट प्लान है, जिसमें बीमार होने पर आपको एकमुश्त राशि मिलती है। यह राशि इलाज, दवाइयों, घर के खर्च और अन्य आवश्यकताओं के लिए इस्तेमाल होती है। इस कवर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि आपको हॉस्पिटल बिल दिखाने की जरूरत नहीं होती, बस निदान रिपोर्ट देकर क्लेम किया जा सकता है।

किन बीमारियों को कवर करता है यह प्लान

आम तौर पर क्रिटिकल इलनेस प्लान में कैंसर, हार्ट अटैक, स्ट्रोक, किडनी फेलियर, लकवा, अंग प्रत्यारोपण जैसे 10 से 20 गंभीर बीमारियां शामिल रहती हैं। ये बीमारियां इलाज के दौरान भारी खर्च और लंबे समय की मांग करती हैं, जिसके लिए क्रिटिकल इलनेस कवर जरूरी होता है।

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