दीपावली का महापर्व केवल रोशनी और मिठाइयों तक सीमित नहीं है, बल्कि ये अपने पांच दिवसीय उत्सव के जरिए भाई-बहन के रिश्तों को भी मजबूत करता है। इस पर्व का अंतिम दिन भाई दूज है, जिसे यम द्वितीया या भ्रातृ द्वितीया भी कहा जाता है। ये दिन भाई और बहन के अटूट प्रेम, विश्वास और स्नेह का प्रतीक है। हिंदू धर्म में इसे विशेष महत्व इसलिए दिया गया है क्योंकि ये भाई की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना से जुड़ा हुआ है। इस दिन बहनें व्रत रखकर अपने भाई की भलाई और खुशहाली के लिए प्रार्थना करती हैं। वहीं भाई अपनी बहन की सुरक्षा और सुख-शांति का वचन देता है।
