Ahoi ashtami 2025 katha: संतान की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए आज अहोई अष्टमी का व्रत किया जा रहा है। इस दिन माताएं निर्जला उपवास करती हैं और शाम को तारों का दर्शन करने के बाद व्रत का समापन करती है। अहोई अष्टमी का व्रत हर साल कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को किया जाता है। इस व्रत में स्याहू माता की कथा सुनने का बहुत महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस कथा के बिना ये व्रत अधूरा माना जाता है। आइए जानें स्याहू माता की ये कथा