Ashwin Amavasya 2025: अश्विन मास की अमावस्या का हिंदू धर्म में बहुत महत्व माना जाता है। इस दिन सर्वपितृ विसर्जन होता है, यानी पितरों के लिए अंतिम श्राद्ध किया जाता है। इस दिन हमारे पितृ धरती लोग से विदा हो जाते हैं। इस दिन पितृ पक्ष का अंतिम श्राद्ध किया जाता है। इसके बाद, मां दुर्गा के आगमन की तैयारी की जाती है, क्योंकि इसके अगले से शारदीय नवरात्र शुरू होते हैं। इस साल अश्विन अमावस्या की तिथि 21 सितंबर को होती और ये बेहद खास है। इस दिन साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण भी पड़ रहा है और रविवार भी है। पितरों से जुड़ी परंपराओं में सूर्य देव का अहम स्थान होता है और रविवार सूर्य देव को समर्पित माना जाता है। इस दिन कुछ उपाय करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। आइए जानें इन उपायों के बारे में