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Devuthani Ekadashi 2025: 01 नवंबर को देवउठनी एकादशी के बाद शुरू हो जाएंगे मांगलिक कार्य, नवंबर-दिसंबर के शुभ मुहूर्त की लिस्ट जानिए यहां

Devuthani Ekadashi 2025: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्रीहरि विष्णु चार महीने की योगनिद्रा से इसी दिन जागते हैं और संसार का कामकाज पुन: संभालते हैं। चतुर्मास से भगवान विष्णु देवउठनी एकादशी पर जागते हैं, जो रुके हुए मांगलिक और शुभ कार्य फिर से शुरू होते हैं।

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 23, 2025 पर 3:34 PM
Devuthani Ekadashi 2025: 01 नवंबर को देवउठनी एकादशी के बाद शुरू हो जाएंगे मांगलिक कार्य, नवंबर-दिसंबर के शुभ मुहूर्त की लिस्ट जानिए यहां
देवउठनी एकादशी पर तुलसी विवाह की पूजा होती है, उसके बाद मांगलिक कार्यों के मुहूर्त मिलने शुरू हो जाते हैं।

Devuthani Ekadashi 2025: कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी कहते हैं। हिंदू धर्म में इसका बहुत महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्रीहरि विष्णु चार महीने की योगनिद्रा से इसी दिन जागते हैं और संसार का कामकाज पुन: संभालते हैं। इस अवधि को चतुर्मास कहते हैं और इसमें विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे सभी मांगलिक कार्य बंद रहते हैं। इस चतुर्मास से भगवान विष्णु देवउठनी एकादशी पर जागते हैं, जो रुके हुए मांगलिक और शुभ कार्य फिर से शुरू होते हैं। इसलिए हिंदू धर्म में इस तिथि का विशेष स्थान है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है और भक्त व्रत भी करते हैं। इस साल देवउठनी एकादशी का व्रत 01 नवंबर के दिन किया जाएगा। आइए जानें कब से शुरू होंगे मांग्लिक कार्य

कब से लग रही एकादशी तिथि

एकादशी तिथि 01 नवंबर को सुबह 9:11 बजे से शुरू होगी, जो कि 2 नवंबर को सुबह 07:31 बजे समाप्त होगी। इस तरह इस साल देवउठनी एकादशी का मान दो दिन है। 1 और 2 नवंबर को दो दिन विजया एकादशी रहेगी। 1 नवंबर को गृहस्थ और 2 नवंबर को वैष्णवों के लिए देवउठनी एकादशी है। दरअसल, वैष्णव परंपरा में व्रत का निर्धारण हरिवासर यानी भगवान विष्णु के जागने के सटीक मुहूर्त से किया जाता है।

एकादशी व्रत का पारण

एकादशी व्रत का पारण अगले दिन किया जाता है। 1 नवंबर को व्रत रखने वाले 2 नवंबर को व्रत का पारण करेंगे और 2 नवंबर को व्रत रखने वाले 3 नवंबर को व्रत का पारण करेंगे।

2 नवंबर को व्रत के पारण समय – दोपहर 01:11 बजे से दोपहर 03:23 बजे तक

पारण तिथि के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय – दोपहर 12:55 बजे तक

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