Chhath Puja 2025 Katha: छठ पूजा का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। ये पूजा बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के कुछ क्षेत्रों में बड़ी आस्था और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व की शुरुआत कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से होती है। इस पूजा में हर दिन का अपना अलग महत्व है और ये व्रत एक दिन या सुबह से शाम तक का न होकर पूरे 36 घंटे का होता है, जिसमें व्रती निर्जला उपवास करते हैं। यह एक अनुष्ठान है, जो कई चरणों में पूरा किया जाता है। इसमें सबसे पहले नहाय-खाय होता है, जिसमें व्रती और उसका पूरा परिवार शामिल होगा शरीर और आत्मा की शुद्धि के लिए सात्विक भोजन करते हैं। इसके बाद होता है खरना, जिसमें सुबह से शाम तक व्रत करते हैं। इसमें शाम को गुड़ की खीर, घी की पूरी आदि खाने के बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू होता है। छठ पूजा में सूर्य देव की उपासना के साथ ही षष्ठी माता की भी पूजा की जाती है। इनके बारे में पौराणिक शास्त्रों में वर्णन मिलता है। आइए जानें कौन हैं छठी मैया और क्यों करते हैं इनकी पूजा
