Chitragupta Puja 2025: भगवान चित्रगुप्त की पूजा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाई जाती है। दिवाली के पांच दिवसीय पर्व का ये आखिरी दिन होता है। यह पूजा मुख्य रूप से कायस्थ समाज के लिए विशेष होती है। इस दिन वे भगवान चित्रगुप्त की पूजा अपने ईष्ट और कुलदेवता के रूप करते हैं। भगवान चित्रगुप्त समस्त प्राणियों के कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं और यमराज के सहायक के रूप में जाने जाते हैं। माना जाता है कि भगवान चित्रगुप्त कलम-दवात की सहायता से समस्त जीवों के कर्मों का विवरण लिखते हैं। इसलिए इस दिन को मस्याधार पूजा भी कहा जाता है, क्योंकि कलम और दवात को मस्याधार कहते हैं।