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Ganesh Chaturthi 2025: बप्पा के आगमन के साथ बन रहे हैं ग्रहों के कई दुर्लभ संयोग, इन राशियों का चमकेगा भाग्य

Ganesh Chaturthi 2025: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस बार का त्योहार चतुर्थी के दिन से अनंत चतुर्दशी तक, दुर्लभ और शुभ ग्रहों का संयोग बनने से बहुत ही खास हो गया है। गणेश उत्सव के ये 10 दिन कुछ राशियों के लिए सुख-समृद्धि के दरवाजे खोल सकते हैं।

MoneyControl Newsअपडेटेड Aug 14, 2025 पर 7:59 PM
Ganesh Chaturthi 2025: बप्पा के आगमन के साथ बन रहे हैं ग्रहों के कई दुर्लभ संयोग, इन राशियों का चमकेगा भाग्य
गणेश उत्सव पर इस बार 10 दिनों तक बन रहे हैं ग्रहों के अद्भुत संयोग।

Ganesh Chaturthi 2025 का त्योहार हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन लोग रिद्धि-सिद्धि के दाता भगवान गणेश को अपने घर लाते हैं। मान्यता है कि 10 दिनों तक चलने वाले इस पर्व के दौरान गौरी पुत्र गणेश भक्तों की मनोकामना पूरी करने के लिए धरती पर आते हैं। यह पर्व खासतौर से महाराष्ट्र में बहुत श्रद्धा और उत्सह के साथ मनाया जाता है। इस साल बप्पा का आगमन 27 अगस्त को हो रहा है।

धार्मिक मान्यता है कि सच्चे मन और पूरी श्रद्धा के साथ गणपति बप्पा की पूजा करने से घर में सौभाग्य और समृद्धि का वास होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चतुर्थी के दिन से अनंत चतुर्दशी तक, दुर्लभ और शुभ ग्रहों का संयोग बनने से इस बार का त्योहार बहुत ही खास हो गया है। ज्योतिष विशेषज्ञों का अनुमान है कि गणेश उत्सव के ये 10 दिन कुछ राशियों के लिए सुख-समृद्धि के दरवाजे खोल सकते हैं। विघ्नहर्ता गणेश इन राशि के जातकों को न सिर्फ चुनौतियों से बचाएंगे, बल्कि उनके जीवन में धन, संपदा और उन्नति भी लाएंगे। आइए जानते हैं इन दुर्लभ संयोगों के बारे में।

गणेश उत्सव 2025 में बन रहे दुर्लभ संयोग

गणेश चतुर्थी के दिन 27 अगस्त 2025 को रवि और सर्वार्थ सिद्धि योग भगवान गणेश के आगमन का प्रतीक है। इस तिथि से 10 दिनों तक सूर्य और केतु की युति कुछ राशियों के लिए शुभ रहेगी। इसके साथ ही चंद्रमा और मंगल की युति लक्ष्मी योग का निर्माण कर रही है, जो धन और समृद्धि के लिए लाभकारी माना जाता है।

28 अगस्त 2025: रवि योग और शुक्ल योग बनेगा।

29 अगस्त 2025: ब्रह्म योग और रवि योग बनेगा।

30 अगस्त 2025: इंद्र योग और त्रिपुष्कर योग बनेगा। बुध सिंह राशि में प्रवेश करेगा, जहां सूर्य पहले से ही स्थित है, जिससे बुधादित्य योग बनेगा।

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