Lunar Eclipse 2025: साल का दूसरा और अंतिम पूर्ण चंद्र ग्रहण 7 और 8 सितंबर को दरम्यानी रात को लगेगा। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा, जो भारत में भी नजर आएगा। खगोल विशेषज्ञों का मानना है कि ये चंद्र ग्रहण अब तक के सबसे लंबे पूर्ण चंद्र ग्रहण में से एक हो और इस दौरान चंद्रमा तकरीबन 82 मिनट तक ग्रहण काल में रहेगा। ग्रहण के दौरान हर तरह धार्मिक कार्य बंद रहते हैं, इसलिए इस दौरान मंदिरों के दरवाजे भी भक्तों के दर्शन के लिए बंद कर दिए जाते हैं।
चूंकि ये चंद्र ग्रहण भारत में नजर आएगा, इसलिए इसका सतक काल भी मान्य होगा। सूतक में पूजा-पाठ की तरह मंदिर भी बंद रहेंगे। देश के प्रमुख मंदिरों में से एक काशी विश्वनाथ मंदिर और तिरुमला मंदिर बंद होने की जानकारी पहले ही दे चुके हैं। अब पता चला है कि अयोध्या में विराजमान रामलाल के मंदिर के दरवाजे भी सूतक काल में बंद रहेंगे। इसके साथ ही कुरनूल स्थित श्रीसैलम मंदिर भी ग्रहण के दौरान बंद रहेगा। आइए जानें किस समय लगेगा सूतक और कब से बंद होंगे मंदिर के दरवाजे
चंद्र ग्रहण शुरू होने के नौ घंटे पहले सूतक लग जाता है। 7 सितंबर के चंद्र ग्रहण का सूतक भी ग्रहण शुरू होने के नौ घंटे पहले लग जाएगा।
सूतक शुरू : दिन में 12.57 बजे से
रामलला के मंदिर के बंद रहेंगे दरवाजे
7 सितंबर को लग रहे पूर्ण चंद्र ग्रहण का सूतक दोपहर 12.57 बजे से लगेगा। इस समय के बाद अयोध्या में रामलला के दर्शन करना संभव नहीं होगा। सूतक लगने के साथ ही राम मंदिर समेत अयोध्या के अन्य सभी प्रमुख मंदिरों और मठों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाएंगे। ग्रहण खत्म होने के साथ ही सूतक भी खत्म हो जाएगा। ग्रहण खत्म होने के बाद शुद्धिकरण होगा, उसके बाद ही मंदिर फिर से भक्तों के दर्शनार्थ खुलेगा।
श्रीसैलम मंदिर भी होगा बंद
श्रीसैलम मंदिर के सीईओ एम. श्रीनिवास राव ने बताया कि चंद्र ग्रहण की वजह से मंदिर लगभग 16 घंटे तक श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेगा। सोमवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में, राव ने कहा कि मंदिर के दरवाजक 7 सितंबर को दोपहर 1 बजे से 8 सितंबर सुबह 5 बजे तक बंद रहेंगे। इस दौरान, पवित्र स्पर्श दर्शनम और श्री स्वामी एवं देवी अम्मावरु के दिव्य विवाह सहित सभी विशेष और नियमित सेवाएं स्थगित रहेंगी। शुद्धिकरण और विशेष प्रार्थना के बाद मंदिर 8 सितंबर को सुबह 5 बजे फिर खुलेगा।