Margashirsha Amavasya 2025 Date: मार्गशीर्ष मास भगवान कृष्ण का प्रिय महीना है। इसमें भगवान श्री कृष्ण की सच्चे मन से पूजा करने पर उनके आशीर्वाद से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस मास की अमावस्या तिथि को पितृ दोष शांति का उपाय करने के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन स्नान और दान करते हैं। साथ ही, पितरों की तृप्ति के लिए तर्पण, श्राद्ध कर्म आदि करते हैं। इस साल मार्गशीर्ष अमावस्या पर कई दुर्लभ संयोगों का निर्माण हो रहा है। इसके अलावा, इस साल मार्गशीर्ष अमावस्या के साथ दर्श अमावस्या भी लग रही है, क्योंकि इसकी तिथि दो दिन है। आइए जानें किस दिन मानाई जाएगी अगहन की अमावस्या और कब होता स्नान-दान का मुहूर्त।
सर्वार्थ सिद्धि योग में करें पूजा
मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 10:58 बजे से लेकर अगले दिन 21 नवंबर को सुबह 06:49 बजे तक है। वहीं, दिन का शुभ समय यानि अभिजीत मुहूर्त 11:45 बजे से दोपहर 12:28 बजे तक है। मार्गशीर्ष अमावस्या पर स्नान के बाद अपनी क्षमता के अनुसार अन्न, वस्त्र आदि का दान करें।
मार्गशीर्ष अमावस्या की तारीख
दृक पंचांग के अनुसार, इस बार मार्गशीर्ष अमावस्या की तिथि 19 नवंबर दिन बुधवार को प्रात: 9 बजकर 43 मिनट पर प्रारंभ हो रही है। इस तिथि का समापन 20 नवंबर दिन गुरुवार को दोपहर 12 बजकर 16 मिनट पर होगा। उदयातिथि के आधार पर मार्गशीर्ष अमावस्या 20 नवंबर गुरुवार को है। इस दिन सूर्योदय सुबह 06:48 बजे होगा।
19 नवंबर को सूर्योदय के बाद मार्गशीर्ष अमावस्या तिथि लग रही है। वहीं, 20 नवंबर को दोपहर सवा 12 बजे खत्म हो रही है। ऐसे में मार्गशीर्ष की दर्श अमावस्या 19 नवंबर को है। इस बार मार्गशीर्ष अमावस्या और मार्गशीर्ष की दर्श अमावस्या होगी।
दर्श अमावस्या पर करें पितृ दोष उपाय
मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन पितृ दोष से मुक्ति के लिए श्राद्ध, पिंडदान, पंचबलि कर्म करने का विधान है। दर्श अमावस्या पर पितृ दोष मुक्ति के उपाय का समय दिन में 11:30 बजे से लेकर दोपहर 02:30 बजे तक होता है। दर्श अमावस्या के दिन पितरों के लिए स्नान, दान, तर्पण आदि करना चाहिए। इससे पितरों का आशीर्वाद मिलता है। पितर खुश होकर उन्नति और खुशहाली का आशीर्वाद देते हैं।
मार्गशीर्ष अमावस्या स्नान-दान मुहूर्त
20 नवंबर को आप मार्गशीर्ष अमावस्या का स्नान और दान कर सकते हैं। स्नान के लिए ब्रह्म मुहूर्त 05:01 बजे से 05:54 बजे तक है। ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना उत्तम होता है।