Matru Navami 2025: इस दिन परिवार की स्त्रि पितरों का किया जाता है श्राद्ध, जानिए सही तारी तारीख और मुहूर्त

Matru Navami 2025: पितृ पक्ष में मातृ नवमी का दिन खास अहमियत रखता है। यूं तो पितृ पक्ष के सभी दिन पर पूर्वजों का श्राद्ध किया जाता है, लेकिन मातृ नवमी के दिन खासतौर से परिवार की महिला पितरों का श्राद्ध किया जाता है। आइए जानें कि इस साल ये किस दिन किया जाएगा?

अपडेटेड Sep 12, 2025 पर 7:00 AM
Story continues below Advertisement
मातृ नवमी श्राद्ध में परिवार की महिला पितरों का श्राद्ध किया जाता है।

Matru Navami 2025: पितृ पक्ष की अवधि का हिंदू धर्म में खास स्थान है। इस दौरान परिवार के पूर्वजों की आत्मा की शांति और उनके मोक्ष के लिए श्राद्ध किया जाता है। ये 15-16 दिनों की अवधि होती है, जो हर साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष में होती है। इसकी शुरूआत भाद्रपद मास की पूर्णिमा से होती है और समापन आश्विन मास की अमावस्या के दिन होता है। इसमें परिवार की स्त्रि पितरों के श्राद्ध के लिए एक विशष दिन तय है। यूं तो पितृ पक्ष के सभी दिन पर पूर्वजों का श्राद्ध किया जाता है, लेकिन मातृ नवमी के दिन खासतौर से परिवार की महिला पितरों का श्राद्ध किया जाता है। लेकिन मातृ नवमी के दिन घर की दिवंगत माताओं और महिला पितरों की शांति हेतु तर्पण और श्राद्ध कर्म किया जाता है। माना जाता है कि इस दिन के बाद से मृत महिलाओं की आत्मा की विदाई हो जाती है और ये वापस अपने लोक लौट जाती हैं। इस दिन परिवार की उन महिला पूर्वजों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी मृत्यु की तिथि का सही ज्ञान न हो। मातृ नवमी के दिन ब्राह्मणी को भोजन कराना और सुहागिन महिलाओं को अन्न या वस्त्र दान करना शुभ माना गया है।

कब है मातृ नवमी?

पंचांग के अनुसार, इस साल पितृपक्ष की मातृ नवमी 15 सितंबर, सोमवार को की जाएगी।

मातृ नवमी कुतुप मूहूर्त : सुबह 11:51 बजे से दोपहर 12:41 तक

मातृ नवमी रौहिण मूहूर्त : दोपहर 12:41 बजे से लेकर 01:30 बजे तक

मातृ नवमी पर सुहागिन ब्राह्मण महिला को भोजन जरूर कराएं


मातृ नवमी के दिन परिवार की दिवंगत स्त्रियों की आत्मा को तृप्त करने के लिए किसी सुहागिन ब्राह्मण महिला को भोजन जरूर कराना चाहिए और सामर्थ्य अनुसार दान भी करना चाहिए। उन्हें सुहाग की सामग्री भी अर्पित की जाती है।

मातृ नवमी पर श्राद्ध के नियम 

  • घर की महिलाएं सुबह स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
  • श्राद्ध करने की जगह की सफाई करें
  • घर की दक्षिण दिशा में एक चौकी लगाएं और उसमें मृत महिला परिजन की तस्वीर रखें।
  • मृतक की तस्वीर के सामने तेल का दीपक जलाएं और विधि विधान से श्राद्ध कर्म करें।
  • किसी सुहागिन ब्राह्मण महिला को भोजन कराएं और सुहाग की सामग्री अर्पित करें।

मातृ नवमी श्राद्ध का महत्व

मातृ नवमी को स्त्री पितरों के श्राद्ध के लिए सबसे उपयुक्त तिथि माना गया है। इस दिन सभी दिवंगत माताओं और महिला सदस्यों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध किया जाता है। मान्यता है कि यदि इस तिथि में श्राद्ध कर्म न किये जाएं तो मृतक महिलाओं की आत्मा को शांति नहीं मिलती है, जिससे घर में पितृ दोष आ सकते हैं। इसी वजह से नवमी के श्राद्ध को बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है।

Karwa Chauth 2025: करवा चौथ की रात न दिखे चंद्रमा तो करें ये उपाय, इस दिन रखा जाएगा व्रत और जानें चंद्रोदय का समय

MoneyControl News

MoneyControl News

First Published: Sep 12, 2025 7:00 AM

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।