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Mauni Amavasya 2026: नए साल में कब होगी मौनी अमावस्या? जानें इस तिथि का धार्मिक महत्व और पूजा विधि

Mauni Amavasya 2026: हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या का दिन बहुत पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन गंगा स्नान और दान का भी बहुत महत्व है। मौन अमावस्या माघ के महीने की अमावस्या को कहते हैं। नए साल के ये अहम पर्व किस दिन मनाया जाएगा, आइए जानें ?

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 08, 2025 पर 7:55 PM
Mauni Amavasya 2026: नए साल में कब होगी मौनी अमावस्या? जानें इस तिथि का धार्मिक महत्व और पूजा विधि
मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान करने वाले साधकों के जाने-अनजाने में किए सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।

Mauni Amavasya 2026: मौनी अमावस्या माघ के महीने में मनाई जाती है। इस दिन को हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र तिथियों में से एक माना जाता है। इस दिन गंगा स्नान और दान का भी बहुत महत्व है। कहते हैं मौनी अमावस्या के दिन गंगा नदी का पानी अमृतमय हो जाता है। इसलिए ऐसा माना जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान करने वाले साधकों के जाने-अनजाने में किए सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। यह तिथि पितरों को समर्पित मानी जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मौनी अमावस्या की रात किए गए कुछ उपाय जीवन में आने वाले सभी कष्टों से मुक्ति दिला सकते हैं। नए साल में मौनी अमावस्या की तिथि किस दिन होगी और इसका धार्मिक महत्व क्या है? आइए जानें

मौनी अमावस्या की तारीख

माघ माह की अमावस्या तिथि का प्रारंभ 18 जनवरी 2026 को देर रात 12 बजकर 3 मिनट पर हो रहा है। वहीं, अमावस्या तिथि समापन 19 जनवरी 2026 को देर रात 1 बजकर 21 मिनट पर हो रहा है। उदया तिथि के मौनी अमावस्या 18 जनवरी 2026 को मनाई जाएगी।

मौनी अमावस्या का महत्व

पतित पावनी गंगा नदी में स्नान का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। खासतौर से पौष से लेकर माघ माह में बहुत से लोग गंगा स्नान का संकल्प लेते हैं। गंगा नदी को सर्वाधिक पवित्र नदी माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन गंगा का जल अमृतमय हो जाता है। इस दिन पर गंगा स्नान करने वाले भक्तों के जाने-अनजाने में किए गए पाप नष्ट हो जाते हैं। माना जाता है कि इससे साधक को पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।

मौनी अमावस्या पर मौन व्रत का है विधान

मौनी अमावस्या के दिन 'मौन व्रत' करना का फाफी शुभ माना गया है। इस दिन कई साधक पूरे दिन मौन व्रत का पालन करते हैं। ऐसा करने से मन शांत रहता है। साथ ही इस दिन पर किसी पवित्र नदी विशेषकर गंगा में स्नान करने और दान-पुण्य करना भी विशेष महत्व माना गया है। इस कार्यों को करने से साधक के जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

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