शनिवार, 23 अगस्त को भाद्रपद अमावस्या का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। ये दिन भगवान शिव और पितरों की विशेष आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। परंपरा के अनुसार, श्रद्धालु प्रातःकाल गंगा और अन्य पवित्र नदियों में स्नान कर पुण्य अर्जित करते हैं। इसके बाद भक्तजन भक्ति भाव से भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करते हैं तथा पितरों का तर्पण और पिंडदान कर उनके आशीर्वाद की कामना करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से की गई पूजा से साधक के जीवन में सुख, सौभाग्य और समृद्धि आती है। साथ ही पितृ तर्पण करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और परिवार पर उनका आशीर्वाद बना रहता है।
