Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्र के पर्व में सप्तमी, अष्टमी और नवमी तिथियों का खास महत्व होता है। आज से आदिशक्ति मां दुर्गा की उपासना में लीन होने का पर्व शुरू हो चुका है। ये पर्व हर साल अश्विन मास की प्रतिपदा से शुरू होता है और महा नवमी के बाद विजदशमी को माता की विदाई के साथ दसवें दिन सम्पन्न हो जाता है। इस साल इस पर्व की खास बात ये है कि नवरात्र में एक तिथि की वृद्धि होने की वजह से दशहरा 11वें दिन मनाया जाएगा और नवरात्र 10 दिनों के होंगे। ऐसा संयोग कई वर्षों के बाद बन रहा है। शारदीय नवरात्र के पहले दिन शैलपुत्री, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन चंद्रघंटा, चौथे दिन कूष्मांडा, पांचवे दिन स्कंदमाता, छठवें दिन कात्यायनी, सातवें दिन कालरात्रि, आठवें दिन महागौरी, और नौवें दिन सिद्धिदात्री की उपासना की जाती है। तिथि में वृद्धि की वजह से मां के भक्तों में सप्तमी, अष्टमी और नवमी तिथि को लेकर भ्रम बना हुआ है। नवरात्र में इन तिथियों का विशेष महत्व है।