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Shardiya Navratri 2025: सप्तमी, अष्टमी और नवमी की तिथि को लेकर है भ्रम, सही तारीख जानिए यहां

Shardiya Navratri 2025: मां दुर्गा की उपासना का दिन आज से शुरू हो गए हैं। इस साल नवरात्र नौ दिनों के न होकर 10 दिनों के होंगे। एक तिथि बढ़ने की वजह से लोगों में सप्तमी, अष्टमी और नवमी की तिथियों को लेकर उलझन है। तो चलिए जानते हैं, इन तिथियों की सही तारीख

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 22, 2025 पर 11:24 AM
Shardiya Navratri 2025: सप्तमी, अष्टमी और नवमी की तिथि को लेकर है भ्रम, सही तारीख जानिए यहां
नवरात्र में तिथि में वृद्धि की वजह से मां के भक्तों में सप्तमी, अष्टमी और नवमी तिथि को लेकर भ्रम बना हुआ है।

Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्र के पर्व में सप्तमी, अष्टमी और नवमी तिथियों का खास महत्व होता है। आज से आदिशक्ति मां दुर्गा की उपासना में लीन होने का पर्व शुरू हो चुका है। ये पर्व हर साल अश्विन मास की प्रतिपदा से शुरू होता है और महा नवमी के बाद विजदशमी को माता की विदाई के साथ दसवें दिन सम्पन्न हो जाता है। इस साल इस पर्व की खास बात ये है कि नवरात्र में एक तिथि की वृद्धि होने की वजह से दशहरा 11वें दिन मनाया जाएगा और नवरात्र 10 दिनों के होंगे। ऐसा संयोग कई वर्षों के बाद बन रहा है। शारदीय नवरात्र के पहले दिन शैलपुत्री, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन चंद्रघंटा, चौथे दिन कूष्मांडा, पांचवे दिन स्कंदमाता, छठवें दिन कात्यायनी, सातवें दिन कालरात्रि, आठवें दिन महागौरी, और नौवें दिन सिद्धिदात्री की उपासना की जाती है। तिथि में वृद्धि की वजह से मां के भक्तों में सप्तमी, अष्टमी और नवमी तिथि को लेकर भ्रम बना हुआ है। नवरात्र में इन तिथियों का विशेष महत्व है।

शारदीय नवरात्र महासप्तमी

शारदीय नवरात्र 2025 की सप्तमी तिथि 29 सितंबर 2025, सोमवार के दिन पड़ेगी। यह तिथि मां कालरात्रि को समर्पित होती है। मां कालरात्रि को प्रसन्न करने के लिए भक्त इस दिन गहरे नीले रंग वस्त्र धारण कर सकते हैं।

सप्तमी तिथि की शुरुआत- 28 सितंबर को दोपहर 02.28 बजे से होगी

सप्तमी तिथि का समापन- 29 सितंबर को शाम 04.31 बजे तक

शारदीय नवरात्र महाअष्टमी

इस साल मां महागौरी को समर्पित अष्टमी तिथि का व्रत और पूजा 30 सितंबर 2025, मंगलवार को की जाएगी। इस दिन शारदीय नवरात्र में महाअष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। यह नवरात्रि का नौवां दिन होगा और बहुत लोग इस दिन कन्या पूजन और हवन करते हैं।

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