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Prithvi Shaw: क्रिकेटर पृथ्वी शॉ पर लगा 100 रुपये का जुर्माना, सपना गिल छेड़छाड़ के मामले में कोर्ट ने दिए निर्देश

Prithvi Shaw-Sapna Gill Case: सपना गिल को फरवरी 2023 में एक उपनगरीय होटल में सेल्फी लेने को लेकर हुए विवाद के बाद पृथ्वी शॉ पर कथित हमले के सिलसिले में कुछ अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया था। जमानत मिलने के बाद, गिल ने पृथ्वी शॉ, उनके दोस्त आशीष यादव और अन्य के खिलाफ कथित छेड़छाड़ की शिकायत के साथ एयरपोर्ट पुलिस थाने का रुख किया था। लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया

Akhilesh Nath Tripathiअपडेटेड Sep 10, 2025 पर 3:28 PM
Prithvi Shaw: क्रिकेटर पृथ्वी शॉ पर लगा 100 रुपये का जुर्माना, सपना गिल छेड़छाड़ के मामले में कोर्ट ने दिए निर्देश
Prithvi Shaw-Sapna Gill Case: सत्र न्यायालय ने कई तारीखों पर पृथ्वी शॉ से याचिका पर जवाब मांगा था

Prithvi Shaw-Sapna Gill Case: मुंबई की एक अदालत ने कथित छेड़छाड़ के मामले में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर सपना गिल की याचिका का जवाब देने में नाकाम रहने को लेकर क्रिकेटर पृथ्वी शॉ पर 100 रुपये का जुर्माना लगाया है। गिल ने अप्रैल 2024 में डिंडोशी सत्र न्यायालय में एक फौजदारी समीक्षा अर्जी दायर की थी, जिसमें एक मजिस्ट्रेट के आदेश को चुनौती दी गई थी। मजिस्ट्रेट ने उक्त आदेश में पुलिस को 2022 में अंधेरी के एक पब में कथित रूप से छेड़छाड़ करने के लिए पृथ्वी शॉ के खिलाफ FIR दर्ज करने का निर्देश देने से इनकार कर दिया था।

सत्र न्यायालय ने कई तारीखों पर साव से याचिका पर जवाब मांगा था। मंगलवार 9 सितंबर को अदालत ने कहा कि पिछली तारीख पर क्रिकेटर को एक आखिरी मौका दिया गया थालेकिन कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया। अदालत ने सुनवाई 16 दिसंबर तक स्थगित करते हुए कहा, "फिर भी, 100 रुपये के जुर्माने पर एक और मौका दिया जाता है।"

गिल का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील अली काशिफ खान ने दावा किया कि शॉ को कई बार तलब किए जाने के बावजूद, उन्होंने नियमित रूप से यह तरकीब अपनाई। सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ने सबसे पहले अंधेरी मजिस्ट्रेट अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें पुलिस को शॉ के खिलाफ FIR दर्ज करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।

मजिस्ट्रेट अदालत ने पिछले साल केवल पुलिस जांच का आदेश दिया था। इसके बाद उन्होंने सत्र अदालत का रुख किया और कहा कि निचली अदालत का आदेश पूरी तरह से गलत और कानून के स्थापित सिद्धांतों के खिलाफ है और इसे रद्द किया जाना चाहिए।

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