Shubman Gill: टेस्ट, वनडे या फिर टी-20 हो...क्रिकेट के हर फॉर्मेट में आज शुभमन गिल ने भारतीय टीम में एक नियमित सदस्य के रूप में अपनी अलग पहचान बना ली है। हाल ही में इंग्लैंड दौरे पर मिली अपार सफलता के बाद अहमदाबाद टेस्ट में टीम के शानदार प्रदर्शन से अपनी स्थिति को और मजबूत कर लिया है। गिल की अगुवाई में गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन के बाद लोकेश राहुल (नाबाद 53) की कुशल बल्लेबाजी से भारत ने दो मैचों की सीरीज के शुरुआती टेस्ट के पहले दिन गुरुवार को वेस्टइंडीज को सस्ते में समेटने के बाद अपनी पहली पारी में दो विकेट पर 121 रन बना लिए।
वेस्टइंडीज की पहली पारी महज 44.1 ओवर में 162 रन पर सिमट गई। भारत पहली पारी में अभी 41 रन पीछे है। जबकि उसके आठ विकेट बचे हुए हैं। हालांकि, मौजूदा भारतीय टेस्ट कप्तान के लिए इस फॉर्मेट में सफर आसान नहीं रहा। खेल के सबसे लंबे फॉर्मेट में आलोचकों और विशेषज्ञों ने अक्सर उनके स्वभाव और तकनीक को लेकर चिंताएं व्यक्त की हैं। लेकिन क्रिकेट के शीर्ष खिलाड़ियों के साथ थोड़ी बातचीत और एक कठिन अंतरराष्ट्रीय दौरे के दौरान शानदार प्रदर्शन ने उनके आलोचकों का मुंह बंद कर दिया है।
हाल ही में JioHotStar के साथ एक इंटरव्यू के दौरान गिल ने उस फिल्टर का खुलासा किया जिसका इस्तेमाल उन्होंने जीवन भर बल्लेबाजी के शोर को रोकने के लिए किया। उन्होंने कहा, "भारत के बाहर अच्छा प्रदर्शन न कर पाने का दबाव था। लेकिन मैं अपने प्रैक्टिस, मानसिक और अपनी पोजिशन्स को लेकर काफी आश्वस्त महसूस कर रहा था। मैंने सचिन सर से बात की और मैथ्यू वेड से स्टीव स्मिथ का फोन नंबर भी लिया। दोनों ने एक ही बात कही:- सीधे डिफेंड करो और चौके पर रन बनाओ...।"
गिल ने स्वीकार किया कि उन्होंने टेस्ट इतिहास में सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज 'क्रिकेट के भगवान' कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर के सुझाव का पालन किया। पहले गिल अक्सर अपने फ्रंट-फुट वेट ट्रांसफर के साथ संघर्ष करते थे। इससे वे अच्छी लेंथ से पीछे की ओर आती गेंदों के सामने कमजोर पड़ जाते थे।
'भारत रत्न' सचिन जैसे दिग्गजों से सलाह लेने के बाद गिल ने अपनी कमियों को दूर करने के लिए पूरी तरह से समर्पित होकर साइड-ऑन रहकर और मज़बूत स्ट्रेट डिफेंस का सहारा लिया। उन्होंने अपने हाथों का इस्तेमाल तभी किया जब लंबाई स्क्वायर-ऑफ-द-विकेट स्ट्रोक्स के लिए बेहद जरूरी थी। यह बदलाव जबरदस्त था। पांच टेस्ट मैचों में उन्होंने 75.40 की औसत से 754 रन बनाए। इसमें कप्तान के रूप में अपनी पहली सीरीज में चार शतक भी शामिल हैं।
शुभमन गिल ने ओल्ड ट्रैफर्ड में इंग्लैंड के खिलाफ शानदार 103 रनों की पारी खेलकर इतिहास रच दिया। उन्होंने अपने चौथे शतक के साथ अब एक टेस्ट सीरीज में कप्तान के रूप में सबसे ज्यादा शतक लगाने के मामले में महान डॉन ब्रैडमैन की बराबरी की। इसके साथ ही, वह भारतीय कप्तान के रूप में अपनी पहली टेस्ट सीरीज में चार शतक लगाने वाले पहले खिलाड़ी भी बन गए हैं। यही वजह है कि शुभमन गिल को अब भारतीय क्रिकेट का भविष्य कहा जा रहा है।