यूट्यूब ने यूजर्स की उम्र की सही पहचान के लिए एक नया AI-आधारित सिस्टम विकसित किया है, जो पहले से ही अमेरिका में टेस्टिंग के दौर में है। इसका मकसद खासकर किशोरों को उनकी आयु के अनुसार सही कंटेंट उपलब्ध कराना है ताकि वे अनजाने में अनुपयुक्त सामग्री से बच सकें। यह तकनीक उनके वीडियो देखने के पैटर्न, अकाउंट गतिविधि और पसंदीदा कैटेगरीज के आधार पर काम करती है।
इस AI सिस्टम के जरिए यह पता लगाया जाएगा कि यूजर 18 वर्ष से कम उम्र का है या अधिक। इसके आधार पर यूजर्स को उनके लिए उपयुक्त कंटेंट और ऐड दिखाए जाएंगे।
अगर सिस्टम किसी यूजर को गलत पहचानता है, यानी उसे किशोर बताता है जबकि वास्तव में वह वयस्क है, तो यूजर अपनी उम्र सरकारी आईडी, क्रेडिट कार्ड या सेल्फी से वेरिफाई करा पाएगा।
युवा यूजर्स के लिए विशेष डिजिटल वेलबीइंग टूल्स और सुरक्षित सुझाव उपलब्ध कराए जाएंगे, जैसे कि व्यक्तिगत विज्ञापनों को बंद करना ।
AI-आधारित यह फीचर केवल उन उपयोगकर्ताओं पर लागू होगा जो अपने YouTube अकाउंट में लॉगइन होते हैं। अनलॉग्ड उपयोगकर्ता पर नियंत्रण नहीं होगा।
इस नए सिस्टम से माता-पिता को भी राहत मिलेगी, क्योंकि उनके बच्चे अभी भी YouTube पर सुरक्षित माहौल में वीडियो देख सकेंगे।
प्रतिबंधित कंटेंट तक पहुंच कम होने से मानसिक स्वास्थ्य के लिहाज से भी बच्चों के लिए बेहतर वातावरण बनेगा।
YouTube ने बताया कि इस तकनीक का इस्तेमाल पहले अन्य देशों में सफलतापूर्वक किया जा चुका है और अब अमेरिका में इसका विस्तार हो रहा है।
फिर भी कुछ उपयोगकर्ता आयु पहचान के लिए ID या बायोमेट्रिक डेटा देने को लेकर सतर्क और चिंतित हैं, क्योंकि इससे उनकी प्राइवेसी को खतरा हो सकता है।