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Covid-19 JN.1 Variant: कितना खतरनाक है कोविड-19 का नया 'JN.1 वेरिएंट', भारत में क्या होगा इसका असर?

Covid-19 JN.1 Variant: डॉक्टरों के अनुसार, कोविड के नए मामलों में वृद्धि लोगों में इम्यूनिटी के कमजोर होने के कारण हो रही है, क्योंकि कई लोगों ने वैक्सीन की खुराक के बाद बूस्टर शॉट नहीं लिया है

अपडेटेड May 22, 2025 पर 4:20 PM
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भारत में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है

Covid-19 'JN.1' Variant: हाल के दिनों में साउथ-ईस्ट एशिया में कोविड-19 के मामलों में उछाल देखने को मिली है। भारत भी इससे अछूता नहीं रहा है। देश में भी कोविड-19 के नए मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में कोविड-19 के फिलहाल 257 एक्टिव मामले है। कोविड के मामलों में हो रही इस उछाल के पीछे उसके नए 'JN.1 वेरिएंट' को माना जा रहा है। पिछली बार की तरह इस बार भी केरल में कोविड के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। 20 मई तक राज्य में 69 मामले सामने आए। केरल के बाद महाराष्ट्र का नंबर है जहां 50 मामले सामने आए है। तमिलनाडु, सिक्किम, गुजरात और अन्य राज्यों में भी नए मामले सामने आए है।

हांगकांग में स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया है कि कोविड-19 के मामलों में काफी बढ़ोतरी हुई है। पिछले एक साल में जांच का स्तर अपने चरम पर पहुंच गया है। मई के पहले तीन दिनों में ही शहर में 31 गंभीर मामले दर्ज किए गए। सिंगापुर में मामलों में उछाल के कारण अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है। मामलों की संख्या में 28% की वृद्धि हुई है, जो पिछले सप्ताह 11,100 से बढ़कर 14,200 हो गई है।

कोविड-19 के नए वेरिएंट JN.1 में क्या है अलग?

कोविड-19 के ज्यादातर सबवैरिएंट ओमिक्रॉन स्ट्रेन से विकसित हुए है। वर्तमान मामलों में वृद्धि के पीछे सबसे आम वैरिएंट JN.1 स्ट्रेन है। येल मेडिसिन के अनुसार, JN.1 वेरिएंट, BA.2.86 से बहुत मिलता-जुलता है जो ओमिक्रॉन परिवार से ही आता है। इन दोनों के बीच एक मुख्य अंतर यह है कि JN.1 अपने स्पाइक प्रोटीन में एक विशिष्ट उत्परिवर्तन से करता है। शुरुआती रिसर्च से पता चलता है कि यह इम्यूनिटी सिस्टम को चकमा देने की इसकी क्षमता को बढ़ा सकता है। JN.1 की पहली बार अगस्त 2023 में पहचान की गई थी।

रिपोर्ट के अनुसार, इसमें लगभग 30 उत्परिवर्तन हैं जो इसे शरीर की इम्यूनिटी सिस्टम को बायपास करने में सक्षम बनाते हैं। येल मेडिसिन के विशेषज्ञ बताते है कि JN.1 वेरिएंट के उत्परिवर्तन इसे पहले के वेरिएंट की तुलना में इसकी संक्रामकता को बढ़ा सकते हैं।

'अब आम बीमारी बन गई है कोविड-19'


भारत के कई राज्यों में फिलहाल भीषण गर्मी और हीटवेव का कहर जारी है। देश के बड़े डॉक्टरों का ऐसा मानना है कि गर्मी के महीनों में देश में नई लहर आने की संभावना नहीं है, क्योंकि इस दौरान लोगों में सांस संबंधी समस्याएं नहीं होती हैं। डॉक्टरों के अनुसार, नए मामलों में वृद्धि लोगों में कम प्रतिरक्षा के कारण हो रही है, क्योंकि कई लोगों ने वैक्सीन की खुराक के बाद बूस्टर शॉट नहीं लिया है। बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट में एक डॉक्टर के हवाले से कहा गया है कि कोविड-19 अब एक सामान्य बीमारी बन गई है और समय-समय पर इसके मामलों में उछाल देखने को मिलता रहेगा।

JN.1 वेरिएंट से कैसे बचे?

कोविड को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका टीकाकरण है। अगर आपने टीकों के दो डोज के बाद बूस्टर शॉट्स लिया हुआ है तो आपके ऊपर इस वेरिएंट का असर उतना प्रभावी नहीं होगा। मास्क पहनना, भीड़भाड़ वाले इलाकों से बचना, हाथों को अच्छी तरह से धोना और हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करना इस वायरस से बचने और इसके प्रसार को रोकने में मदद करते है।

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