दिल्ली के पीतमपुरा का जैन परिवार अपने अनोखे दान की वजह से समाज के लिए मिसाल बन गया। यहां के आशीष और वंदना जैन को एक रूटीन चेकअप के बाद पता चला कि गर्भ में पल रहे पांच महीने के भ्रूण में धड़कन नहीं है। जाहिर है यह खबर परिवार को अंदर तक हिला देने वाली थी। उस मां की स्थिति का अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता कि जिसे ये पता चले कि उसके कान जिसकी किलकारी सुनने का इंतजार कर रहे थे, उसका दिल धड़क ही नहीं रहा। पहले से चार साल के बेटे के माता-पिता आशीष और वंदना भी इस खबर से पूरी तरह टूट गए।