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Diwali 2025: दिवाली की रात जुआ खेलना शुभ है या अशुभ? जानें क्या है इसके पीछे की कहानी

Gambling on Diwali Tradition: दिवाली, ‘प्रकाश का महापर्व’, अंधकार पर उजाले और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा होती है, घरों को दीपक और रंगोली से सजाया जाता है। यह पर्व न सिर्फ समृद्धि लाता है, बल्कि परिवार और मित्रों के साथ खुशियाँ बांटने और आनंद लेने का भी अवसर है

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 19, 2025 पर 3:15 PM
Diwali 2025: दिवाली की रात जुआ खेलना शुभ है या अशुभ? जानें क्या है इसके पीछे की कहानी
Gambling on Diwali Tradition: जुआ खेलने की परंपरा हर घर में अलग-अलग तरह से मनाई जाती है।

दिवाली, जिसे ‘प्रकाश का महापर्व’ कहा जाता है, भारतीय संस्कृति का सबसे प्रमुख त्योहार है। ये केवल रोशनी का प्रतीक नहीं है, बल्कि अंधकार पर प्रकाश, बुराई पर अच्छाई और अज्ञान पर ज्ञान की विजय का संदेश देता है। दिवाली का महत्व घर-घर खुशहाली, समृद्धि और सुख-शांति लाने के लिए मनाने में है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है, क्योंकि इन्हें धन और ऐश्वर्य की देवी माना जाता है। लोग अपने घरों को साफ-सुथरा कर दीपकों से सजाते हैं, रंगोली बनाते हैं और वातावरण को शुभता और सकारात्मक ऊर्जा से भर देते हैं।

इसके साथ ही ये पर्व परिवार और मित्रों के साथ मिलकर खुशियां मनाने, मिठाइयां बांटने और सामूहिक आनंद लेने का अवसर भी प्रदान करता है। दीपावली की रात घर-घर दीपक जलते हैं और हर कोना उजाले से जगमगाता है।

जुआ खेलने की परंपरा

दीपावली की रात जुआ खेलने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। लेकिन इसे लेकर लोगों की राय दो हिस्सों में बंटी हुई है। कुछ लोग इसे शुभ मानते हैं, तो कुछ इसे अशुभ मानते हैं। धार्मिक ग्रंथों और पौराणिक कथाओं में इसके पीछे कई दिलचस्प मान्यताएं मिलती हैं।

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